General Knowledge: आपने जुड़वा फिल्म देखी होगी जिसमे 2 सलमान खान थे. फिल्मों में हम एक ही शक्ल के दो इंसान देखते हैं, लेकिन क्या असल दुनिया में ऐसा संभव है? ये भी कहा जाता है कि सात अरब से ज्यादा आबादी की इस दुनिया में एक ही चेहरे के कई लोग होते हैं. कई बार अपने आसपास ही हमें एक जैसी शक्ल के दो लोग दिख जाते हैं. हालांकि, शक्ल कभी भी बिल्कुल एक जैसी नहीं होती है. अभी हाल ही में इंस्ट्राग्राम पर एक फोटो वायरल हो रहा था, जिसमें बॉलीवुड के अभिनेता अनिल कपूर का एक हमशक्ल दिखाई देता है. दरअसल, वो इंसान एक अमेरिकी बॉडी बिल्डर है, जिसका नाम जॉन एफर है. 


हमशक्ल होना है महज एक इत्तेफाक


पीडियाट्रशियन डॉ. अरुण शाह बताते हैं कि ऐसा कभी नहीं हो सकता कि दो इंसानों की शक्ल बिल्कुल एक ही जैसी हो, यह केवल तभी हो सकता है जब बच्चे जुड़वा हों, लेकिन अगर दोनों बच्चों की मां अलग-अलग हों तो इस स्थिति में एक जैसी शक्ल होने की संभावना बिल्कुल भी नहीं है. ऐसा हो सकता है कि दो एक जैसी शक्ल के जुड़वा बच्चों के पिता अलग -अलग हों. ऐसे कुछ मामले देखे भी गए हैं.


इसे हेट्रोपैटर्नल सुपरफेक्यूंडेशन (Heteropaternal Superfecundation) कहते हैं. लेकिन दुनिया के किसी दूसरे इलाके में मौजूद दो लोग कभी भी बिल्कुल एक जैसी शक्ल के नहीं हो सकते. हालांकि, फोटो में देखने पर दो इंसानों के चेहरे भले ही समान नजर आएं, लेकिन बारिकी से देखने पर उनमें अंतर जरूर मिलेगा. इसी के साथ उनके आंखों का रेटिना या हाथों के फिंगर प्रिंट भी कभी मैच नहीं कर सकते. हमशक्ल होना सिर्फ एक इत्तेफाक है. 


डीएनए टेस्ट से किया जाता है अंतर


डॉ. शाह के अनुसार, किसी भी बच्चे में क्या बीमारियां हो सकती हैं या फिर उसके पिता के बारे में पता लगाने के लिए डीएनए टेस्ट किया जाता है. डीएनए टेस्ट से बच्चे की पूरी जानकारी मिल जाती है. दुनिया के अलग-अलग कोने के अगर दो इंसान हमशक्ल हैं तो उनके डीएनए टेस्ट से प्राप्त उनके जींस की जानकारी भी अलग-अलग होगी, क्योंकि ऐसा कभी भी नहीं हो सकता कि दुनिया में जो आपका हमशक्ल मौजूद है उसका डीएनए या जींस आपसे मैच करे. इसलिए एक जैसी शक्ल होना महज एक इत्तेफाक ही है.


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