(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Israel Hamas War: गाजा पर इजरायल ने बरसाए व्हाइट फॉस्फोरस बम? अंदर से जला देता है पूरा शरीर, होती है दर्दनाक मौत
Israel Hamas War: इजरायल पर आरोप लगाया जा रहा है कि वो गाजा पट्टी में व्हाइट फॉस्फोरस बम का इस्तेमाल कर रहा है, जिससे लोगों की बेहद दर्दनाक मौत हो जाती है.
Israel Hamas War: इजरायल और हमास के बीच जारी जंग के दौरान कई खतरनाक हथियारों का इस्तेमाल किया जा रहा है. हमास के हमले का जवाब देने के लिए इजरायल अब पूरी ताकत के साथ पलटवार कर रहा है. इजरायल की तरफ से गाजा पट्टी में बम बरसाए जा रहे हैं. इसी बीच इजरायल पर आरोप लगाया जा रहा है कि वो गाजा में व्हाइट फॉस्फोरस बम का इस्तेमाल कर रहा है, जो लोगों को एक दर्दनाक मौत देता है. रूस और यूक्रेन जंग के बीच भी इसी व्हाइट फॉस्फोरस बम का जिक्र हुआ था. आज हम जानेंगे कि ये व्हाइट फॉस्फोरस होता क्या है और इससे कितना नुकसान होता है.
क्या होता है फॉस्फोरस?
सबसे पहले ये समझते हैं कि फॉस्फोरस क्या होता है. दरअसल ये एक केमिकल एलिमेंट है, जो दो फॉर्म में होता है. एक व्हाइट फॉस्फोरस होता है और दूसरा लाल फॉस्फोरस होता है. इसमें तेजी से रिएक्शन होता है और ऑक्सीजन को तेजी से सोख लेता है. ऑक्सीजन से रिएक्ट करने के बाद ये हाई टेंपरेचर क्रिएट कर देता है. इसका इस्तेमाल कई चीजों में होता है. माचिस की तीली में भी फॉस्फोरस लगा होता है.
फॉस्फोरस बम का इस्तेमाल
अब व्हाइट फॉस्फोरस बम की बात करें तो इसे जंग में कई बार इस्तेमाल किया जाता है. जो देश इसका इस्तेमाल करते हैं, उनकी जमकर आलोचना होती है. क्योंकि व्हाइट फॉस्फोरस बम से इतनी गर्मी पैदा होती है कि ये चमड़ी उधेड़ देता है और हड्डियां तक गला सकता है. व्हाइट फॉस्फोरस बम का इस्तेमाल स्मोक क्रिएट करने के लिए भी किया जाता है, जिससे सामने बैठा दुश्मन जवानों की मूवमेंट नहीं देख पाता है. ज्यादातर इसी काम में इसका इस्तेमाल होता है.
शरीर के अंदर ऐसे करता है रिएक्ट
फॉस्फोरस बमों का इस्तेमाल सिविलियन एरिया में नहीं किया जा सकता है, जिसका आरोप इजरायल पर लगाया जा रहा है. जेनेवा कन्वेंशन में भी इसका जिक्र किया गया है कि व्हाइट फॉस्फोरस बम का इस्तेमाल लोगों पर नहीं किया जा सकता है. इसका कारण है कि जहां पर ये बम फटता है, वहां मौजूद लोगों की तुरंत मौत हो जाती है. जैसे ही लोग इसे सांस के जरिए अंदर लेते हैं, ये शरीर के अंदर मौजूद ऑक्सीजन से रिएक्ट करना शुरू कर देता है, जब तक शरीर में ऑक्सीजन होता है, तब तक ये रिएक्शन चलता रहता है. यानी शरीर को अंदर से पूरी तरह से जला देता है.
इस व्हाइट फॉस्फोरस बम का इस्तेमाल कई युद्धों में किया जा चुका है. बताया जाता है कि वर्ल्ड वॉर-1 और वर्ल्ड वॉर-2 में भी इसका इस्तेमाल हुआ था. इसके अलावा वियतनाम, रूस और अमेरिका पर भी इसके इस्तेमाल के आरोप लगे थे.
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