आर्मी ट्रेनिंग करते ही भारत के इस शहर आते हैं इजरायल के यहूदी, जानिए क्यों
धर्मकोट के साथ साथ भारत आने वाले इजराइली दिल्ली के पहाड़गंज और राजस्थान के अजमेर में भी जाते हैं. इन दोनों ही जगहों पर इजराइली लोगों के धर्मस्थल यानी खबाद हाउस मौजूद हैं.
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इजरायल और हमास के बीच युद्ध जारी है. पूरी गाजा पट्टी को इजराइली सैनिकों ने बारूद से पाट दिया है. कहा जा रहा है कि इस युद्ध के लिए इजरायल ने पूरी दुनिया में घूम रहे अपने यहूदी भाइयों-सैनिकों को वापस बुला लिया है. भारत में भी घूमने आए यहूदी अब अपने वतन वापस लौट रहे हैं. इसकी वजह से यहां का एक शहर खाली होने लगा है, ये शहर हिमाचल प्रदेश में है. चलिए अब आपको इस शहर और इससे जुड़े इजरायल के कनेक्शन के बारे में बताते हैं.
कौन सा है वो शहर
हम जिस शहर की बात कर रहे हैं वो है हिमाचल प्रदेश का धर्मशाला. इजरायल के लोग इस शहर के एक खास हिस्से धर्मकोट में आते हैं. यहां हर साल इजराइलियों का जमावड़ा लगता है. खासतौर से इजरायल के युवा यहां हर साल आते हैं और काफी समय बिताते हैं. आपको बता दें, यहां एक खबाद हाउस भी है, जहां इजराइली लोग अपनी पूजा पाठ करते हैं और अपने ईश्वर को याद करते हैं.
आर्मी की ट्रेनिंग के बाद क्यों आते हैं यहां
आपको बता दें, इजरायल में हर इंसान को चाहे वो लड़का हो या लड़की उसके लिए आर्मी की ट्रेनिंग जरूरी है. ये ट्रेनिंग पूरी होने के बाद बहुत से युवा हिमाचल प्रदेश की इस छोटी सी जगह पर आते हैं और कई दिनों तक अपने शरीर और मन को आराम देते हैं. हालांकि, इस बार हमास के हमले ने इनके आराम में खलल डाल दी और इन्हें अपने वतन वापिस जाना पड़ा.
इन जगहों पर भी आते हैं इजराइली
धर्मकोट के साथ साथ भारत आने वाले इजराइली दिल्ली के पहाड़गंज और राजस्थान के अजमेर में भी जाते हैं. दरअसल, इन दोनों ही जगहों पर इजराइली लोगों के धर्मस्थल यानी खबाद हाउस मौजूद हैं. यहां जाकर इजराइली लोग प्रार्थना करते हैं. आपको जान कर हैरानी होगी कि यहूदियों का ये धार्मिक स्थल लगभग लगभग हर देश में मौजूद है. यहां हमेशा कोई ना कोई यहूदी रहता ही है.
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