भारत की स्पेस एजेंसी इसरो चंद्रयान-3 को चांद के उस हिस्से में उतारने की तैयारी कर रही है, जहां आज तक किसी देश का कोई रोवर नहीं पहुंच पाया है. इसके आलावा भी भारत स्पेस के मामले में दुनिया के कुछ टॉप देशों में गिना जाता है. वहीं अगर हम पाकिस्तान की बात करें तो वहां की स्पेस एजेंसी जो इसरो से आठ साल पहले शुरू हुई थी, आज इसरो से कोसों दूर है. चलिए आज आपको पाकिस्तान की स्पेस एजेंसी के बारे में बताते हैं.


कब बनी थी पाकिस्तान की स्पेस एजेंसी?


पाकिस्तान ने भारत से अलग होने के बाद कई ऐसी आधुनिक चीजें शुरू की जो भारत ने काफी वर्षों बाद शुरू किया. हालांकि, इसके बाद भी आज पाकिस्तान आधुनिकता और स्पेस रिसर्च के मामले में भारत से बहुत दूर है. अब आते हैं पाकिस्तान की स्पेस एजेंसी पर. दरअसल, पाकिस्तान ने 16 सितंबर 1961 में स्पेस एंड अपर एटमॉसफेयर रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन नाम से एक संस्था बनाई. यह इसरो से आठ साल पहले बनी थी, लेकिन अब स्पेस रिसर्च के मामले में कहीं नहीं टिकती.


पाकिस्तान ने अब तक कितने सैटेलाइट छोड़े?


पाकिस्तान की स्पेस रिपोर्ट आप पढ़ेंगे तो आपको पता चलेगा कि उसने अब तक सिर्फ पांच सैटेलाइट ही छोड़े हैं. इनमें पहला 16 जुलाई 1990 को छोड़ा गया था. इसका नाम पाकिस्तान ने रखा था बद्र-1. खास बात ये है कि यह एक आर्टिफिशियल डिजिटल उपग्रह था. हालांकि, ये सिर्फ 6 महीने ही चल सका था, इसके बाद इसने काम करना बंद कर दिया था.


वहीं दूसरा सैटेलाइट पाकिस्तान ने बद्र-बी के नाम से 10/12/2001 को छोड़ा था. जबकि तीसरे सैटेलाइट का नाम था, पाकात-1 जो पाकिस्तान ने 11/08/2011 को लॉन्च किया था. इस सैटेलाइट को लॉन्च करने के लिए पाकिस्तान ने चीन की मदद ली थी. साफ शब्दों में कहें तो इसे चीन ने ही बनाया था. वहीं चौथे सैटेलाइट की बात करें तो उसे पाकिस्तान ने 21/11/2013 को लॉन्च किया था. इसका नाम था आईक्यूब-1. पाकिस्तान की ये सैटेलाइट भी महज दो साल ही चली. जबकि, पांचवें सैटेलाइट की बात करें तो इसे भी पाकिस्तान ने चीन की मदद से अंतरिक्ष में भेजा था. ये 9/07/2018 को लॉन्च किया गया था. इसके बाद से पाकिस्तान ने कोई सैटेलाइट अंतरिक्ष में नहीं भेजी.


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