किस धातु का बना है आदित्य L-1 सैटेलाइट, इस पर सूर्य की भीषण गर्मी का भी नहीं होगा असर
ISRO Solar Mission: इसरो चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने के बाद अब सूर्य पर रिसर्च करने के लिए भी तैयार है. आज श्रीहरिकोटा से आदित्य L-1 को लॉन्च किया जा रहा है.
चंद्रयान 3 की सफलता के बाद आज इसरो सूर्य पर मिशन भेजने के लिए पूरी तरह से तैयार है. इसरो की ओर से आज आदित्य एल -1 को सूर्य पर रिसर्च के लिए लॉन्च किया जाएगा. लेकिन कई लोगों के जेहन में ये सवाल भी आ रहा है कि सूर्य तो इतना गर्म है तो आदित्य L-1 इतनी गर्मी कैसे झेल पाएगा? बता दें कि ये सूर्य पर लैंड नहीं करेगा. आदित्य L-1 सूर्य से कई लाख किलोमीटर पहले तक ही जाएगा. लेकिन उस जगह पर भी असहनीय गर्मी होगी. जहां कोई भी आम धातु आसानी से पिघल जाएगा. लेकिन आदित्य L-1 को विशेष मटेरियल से बनाया गया है. जिस वजह उसे कोई भी नुकसान नहीं होगा.
आदित्य L-1 सूर्य पर जाने वाला इसरो का पहला मिशन है. इससे पहले नासा समेत कई अन्य स्पेस एजेंसियो ने अपना अंतरिक्ष यान मिशन के लिए सूर्य पर भेजा है. जिनमें से कई मिशन सफल भी हुए हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार सूर्य पर आदित्य L-1 को PSLV राकेट से लॉन्च किया जाएगा. आदित्य L-1 को लॉन्च श्रीहरिकोटा से किया जा रहा है. इसरो की ओर से अपने सभी मिशनों को इसी स्थान से अंजाम दिया जाता है.
कई जानकारियां रखी जाती हैं गुप्त
आदित्य L-1 को भारत में ही डिजाइन किया गया है. इसमें मौजूद 7 पेलॉर्स में से 6 भारत में ही बने हैं. यह सूरज के नजदीक नहीं जाएगा, मगर Lagrange पॉइंट पर रहेगा और सूरज पर रिसर्च करेगा. ये किस धातु से बना है इस बात की जानकारी इसरो की ओर से नहीं दी गई है. बता दें कि स्पेस एजेंसी मिशन से जुड़ी कई जानकारियां गुप्त रखती हैं. इसरो के इस मिशन पर हर देशवासी ही नहीं बल्कि अन्य देश के लोगों की नजर है. भारत ही चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला देश है.
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