Chandrayaan-3: जिस तरह हिंदुस्तान में ISRO है, वैसे पाकिस्तान की स्पेस एजेंसी कौन-सी है? आज ये है उसकी हालत!
ISRO Chandrayaan-3: भारत 14 जुलाई को अपना तीसरा चंद्रयान मिशन लॉन्च करने जा रहा है. पाकिस्तान ने अपनी अंतरिक्ष एजेंसी की स्थापना की थी, लेकिन आज यह भारत से दशकों पीछे है.
Mission Chandrayaan-3: भारत और पाकिस्तान लगभग एक साथ आजाद हुए थे. आजादी के लगभग बाद 76 साल के इस सफर में दोनों ही देशों ने बहुत तरक्की की. इसी कड़ी में भारत 14 जुलाई 2023 को चंद्रयान-3 लॉन्च करने की तैयारी में है. आने वाले शुक्रवार यानी 14 जुलाई को दोपहर 2:35 बजे भारत अपना तीसरा चंद्र मिशन लॉन्च करेगा. दुनिया की सबसे भरोसेमंद और लीडिंग स्पेस एजेंसी ISRO एक बार फिर से अंतरिक्ष में अपनी छाप छोड़ने के लिए तैयार है. इसके विपरीत पाकिस्तान ने इस मामले में कोई खास प्रगति नहीं की है. इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि भारत में बहुत सारे लोग तो पाकिस्तान की स्पेस एजेंसी का नाम तक नहीं जानते.
क्या है पाकिस्तान के स्पेस एजेंसी का नाम?
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के गठन से आठ साल पहले पाकिस्तान ने अपनी अंतरिक्ष एजेंसी की स्थापना की थी. लेकिन आज हालात ये हैं कि पाकिस्तानी अंतरिक्ष एजेंसी खुद को बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रही है और चीन से सहायता मांग रही है. पाकिस्तान ने 16 सितंबर, 1961 को अपनी अंतरिक्ष एजेंसी, SUPARCO की स्थापना की. वहीं, इसरो की स्थापना 1969 में हुई थी. उससे पहले भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी को अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए भारतीय राष्ट्रीय समिति के रूप में जाना जाता था.
अब तक लॉन्च किए हैं सिर्फ 5 सैटेलाइट
इसरो ने अब तक 34 देशों के 424 सेटेलाइट्स को सफलतापूर्वक लॉन्च किया है. यह वैश्विक स्तर पर नंबर एक अंतरिक्ष एजेंसी है और कमर्शियल लांचिंग के मामले में अग्रणी है. इसरो ने 123 अंतरिक्ष यान मिशन, 91 लॉन्च मिशन, 15 छात्र उपग्रह लॉन्च किए, 2 पुनः प्रवेश मिशन आयोजित किए और तीन भारतीय निजी उपग्रह लॉन्च किए हैं. इसके विपरीत, पाकिस्तान ने अब तक केवल पांच सैटेलाइट ही लॉन्च किए हैं. जिनमें से आखिरी सैटेलाइट आज से 5 साल पहले 2018 में लॉन्च किया गया था.
ISRO से दशकों से पीछे है SUPARCO
पाकिस्तान की अंतरिक्ष एजेंसी (स्पेस एंड अपर एटमॉसफेयर रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन, SUPARCO) भारत से दशकों पीछे है. दुनिया में इसकी कोई पहचान नहीं है, जबकि इसरो ने पहले ही प्रयास में मंगल पर पहुंचकर पूरी दुनिया का भरोसा जीता है. अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भारत विश्व स्तर पर अग्रणी देशों में से एक है और दक्षिण एशिया में नंबर एक है. दक्षिण एशियाई देशों में भारत के अलावा सिर्फ चीन एकमात्र ऐसा देश है जो अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में कुछ प्रयास कर रहा है. पाकिस्तान इस दौड़ में कहीं पीछे है.
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