राजधानी दिल्ली समेत पूरे भारत में भीषण गर्मी पड़ रही है. इतना ही नहीं कुछ राज्यों का तापमान तो 45 से 47 डिग्री तक पहुंच रहा है. लेकिन क्या आप कभी सोचते हैं कि अगर इन राज्यों का तापमान 50 डिग्री तक पहुंच जाएगा, तो फिर क्या होगा? आज हम आपको बताएंगे कि तापमान बढ़ने के साथ इंसानों को क्या-क्या दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है.


भीषण गर्मी


राजधानी दिल्ली, उत्तर प्रदेश, गुजरात, राजस्थान इन राज्यों में तापमान 44 डिग्री से 47,48 डिग्री के बीच पहुंच रहा है. क्‍या आपने कभी सोचा है कि इंसान ज्‍यादा से ज्‍यादा कितना तापमान बर्दाश्‍त कर सकता है. वहीं शरीर खुद को भीषण गर्मी से ठंडा रखने के लिए क्‍या करता है.


कितना तापमान सहन


वैज्ञानिकों के मुताबिक इंसानी शरीर का सामान्‍य तापमान 98.6 डिग्री फारेनहाइट होता है. ये बाहरी तापमान के 37 डिग्री सेल्सियस के बराबर होता है. विज्ञान के मुताबिक इंसान अधिकतम तापमान 42.3 डिग्री सेल्सियस तक आसानी से सह लेता है. कुछ अध्‍ययनों के मुताबिक इंसान गर्म रक्‍त वाला स्‍तनधारी जीव है. इंसान एक खास तंत्र ‘होमियोस्‍टैसिस’ से संरक्षित रहता है. 
लंदन स्‍कूल ऑफ हाइजीन की रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन में 2050 तक गर्मी से होने वाली मौतों में 257 फीसदी की बढ़ोतरी होगी. वैज्ञानिकों के मुताबिक इंसानी शरीर 35 से 37 डिग्री तक का अधिकतम तापमान बिना दिक्‍कत के बर्दाश्‍त कर लेता है. वहीं  तापमान 40 डिग्री से ज्‍यादा होने लगता है, तो इंसानों को परेशानी होने लगती है.


 अध्‍ययनों के मुताबिक इंसानों के लिए 50 डिग्री का अधिकतम तापमान बर्दाश्‍त करना मुश्किल हो जाता है.वहीं इससे ज्‍यादा तापमान सामान्य व्‍यक्ति के लिए जिंदगी का जोखिम पैदा कर देता है. मेडिकल जर्नल लैंसेट की रिपोर्ट के मुताबिक 2000-04 और 2017-21 के बीच 8 साल के दौरान भारत में भीषण गर्मी का प्रकोप था. इस दौरान भारत में गर्मी से मौत के मामलों में 55 फीसदी बढ़ोतरी दर्ज की गई थी.


गर्मी से हो सकती मौत


बता दें कि गर्मी अधिक बढ़ने से इंसान की मौत हो सकती है. इंसानी शरीर पर बढ़ते तापमान के असर के बारे में बात करते हुए डॉक्टर और शोधकर्ता अक्सर ‘हीट स्ट्रेस’ शब्द का इस्तेमाल करते हैं. वातावरण और शारीरिक स्थितियों पर निर्भर करता है कि शरीर अपने कोर तापमान को बनाए रखने की कोशिश किस हद तक कर पाता है. स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञों का कहना है कि अगर पारा 45 डिग्री हो तो बेहोशी, चक्कर या घबराहट जैसी शिकायतों के चलते ब्लड प्रेशर कम होना आम शिकायतें हैं. वहीं अगर आप 48 से 50 डिग्री या उससे ज्‍यादा तापमान में बहुत देर रह जाते हैं तो मांसपेशियां पूरी तरह जवाब दे सकती हैं. इससे इंसान की मौत भी हो सकती है. 


पानी पीना सबसे जरूरी


बता दें कि गर्मी के दिनों में जमकर दिनभर में 5,6 लीटर पानी पीना बहुत जरूरी होता है. क्योंकि शरीर को ठंडक पहुंचाने के लिए शरीर में पानी का होना बहुत जरूरी होता है. अगर शरीर में पानी नहीं होगा तो पसीना नहीं बनेगा और शरीर जल्दी थक जाएगा. 


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