ऐसे देखा जाए तो लोग छींकने को बहुत अच्छा नहीं मानते. हमारे यहां तो पुरानी कहावत है कि अगर कोई किसी काम के लिए बाहर जा रहा हो और इस बीच कोई छींक दे तो उसे अपशकुन मानते हैं. कहते हैं ऐसा होने से बनता काम बिगड़ जाता है. हालांकि, इसके पीछे कोई साइंटिफिक आधार नहीं है, यह सब कही सुनी बातें हैं. लेकिन, यह बिल्कुल सही है कि अगर आप बहुत ज्यादा छींकते हैं या कुछ लोगों के बीच में रहते हुए आपको छींक आ जाए तो लोग आपको बड़े गौर से देखते हैं. अगर ऐसा है तो भी आप परेशान ना हों और जब भी छींक आए तो खुलकर छींके. लेकिन इस बात का ख्याल जरूर रखें कि छींकते वक्त हमेशा एक रुमाल का प्रयोग करें और अगर रुमाल नहीं है तो अपने हाथों को मोड़ कर उनके बीच छींके.


छींकना क्यों जरूरी है


कोरोनावायरस के समय अगर कोई छींकता हुआ मिल जाता तो लोग उससे दूरी बना लेते. उनका डर कई मायनों में सही भी था. क्योंकि यह वायरस छींक के जरिए तेजी से फैलता है. हालांकि, विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर आप अपनी छींक को अंदर दबा लेते हैं तो यह आपके लिए बेहद गंभीर समस्या का कारण बन सकती है. विशेषज्ञों का इस पर कहना है कि छींकने के माध्यम से आप साइनस, जलन, एलर्जी और अन्य तमाम तरह की दिक्कतों से निजात पाते हैं. अगर आप अपनी आ रही छींक को दबा लेते हैं तो यह आपके शरीर के अंदर से निकल रहे गंदे पदार्थों को फेफड़ों में या फिर साइनस में ही जमा रहने देता है. इससे आप भविष्य में किसी गंभीर बीमारी के शिकार बन सकते हैं.


कैसे छींकना चाहिए


किसी भी इंसान के लिए छींकना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है. अगर आपकी नाक को कोई चीज परेशान कर रही है तो आपको तुरंत छींक आ जाएगी. हालांकि, छींकते वक्त आपको कुछ बातों का बिल्कुल ख्याल रखना चाहिए. कोरोना महामारी अभी भी हमारे बीच से गई नहीं है. इसे ध्यान में रखते हुए आपका खुले में यूं हीं छींकना सही नहीं है. लेकिन आप अपनी छींक रोक भी नहीं सकते. तो ऐसे में क्या करें. अगर आपको सर्दी जुखाम है, या फिर आप किसी ऐसी जगह जा रहे हैं जहां धूल या प्रदूषण ज्यादा है तो अपने साथ एक रुमाल जरूर ले जाएं. जैसे ही आपको छींक आने लगे तुरंत रुमाल से अपना मुंह ढक लें फिर छींके. ऐसा करने से आपकी छींक भी नहीं रुकेगी और आपकी छींक की वजह से वायरस भी नहीं फैलेगा.


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