जगन्नाथ मंदिर की जब भी चर्चा होती है तो उसकी भव्यता के साथ ही मंदिर के रहस्यों पर भी बात की जाती है. दरअसल, मंदिर को लेकर कई ऐसी कहानियां जिनका सच सामने नहीं आया है. साथ ही कई फैक्ट तो ऐसे हैं, जो साइंस के विपरीत लगते हैं, लेकिन आज भी उन रहस्य का सच सामने नहीं आया है. मंदिर में झंडे को लेकर कई तरह की कहानियां हैं और बताया जाता है कि मंदिर पर लगा ध्वज हवा के विपरीत लहराता है. माना जाता है कि इस रहस्य को अभी तक कोई भी नहीं सुलझा पाया है. ऐसे में जानते हैं कि जगन्नाथ मंदिर के झंडे से जुड़ी कुछ खास बातें... 


विपरीत लहराता है


ओडिशा के पुरी में जगन्नाथ मंदिर में लगा झंडा हमेशा हवा के विपरीत लहराता है. कई वीडियो में भी ये देखने को मिलता है कि इस मंदिर के आस-पास बने अन्य मंदिर या इमारतों पर लगे झंडे जिस तरह लहराते रहते हैं, वहीं मंदिर का झंडा अलग दिशा में लहराता है. यूट्यूब पर भी ऐसे कई वीडियो हैं, जिन्हें आप देख सकते हैं. माना जाता है कि अभी भी इस रहस्य से पर्दा नहीं उठ पाया है. 


इसके साथ ही इस झंडे को हर रोज बदला जाता है. माना जाता है कि अगर एक दिन भी ऐसा नहीं किया तो ये मंदिर 18 साल के बंद हो जाएगा और विपरीत परिस्थितियों में मंदिर के इस झंडे को बदला जाता है. झंडे पर शिवाजी का चंद्र बना है और शाम में इस झंडे तक उल्टा चढ़कर पहुंचना होता है. ऐसे में मंदिर के पुजारी इस बदलते हैं और इस झंडे को पतित पावन बाना कहा जाता है. इसके अलावा भी मंदिर पर कई तरह के झंडे लगाए जाते हैं. 


मंदिर के झंडे को हर शाम में बदला जाता है और ये झंडा मंदिर के सबसे ऊपर  सुदर्शन चक्र के पास लगाया जाता है. इसके अलावा जो अन्य झंडे लगते हैं, उन्हें मानसिक बाना कहा जाता है, जो श्रद्धालुओं की ओर से दिया जाता है. 


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