मुस्लिमों की तरह क्या जैन समुदाय में भी हैं शादी के अलग नियम, तलाक लेने पर कैसे होता है फैसला?
हिंदू विवाह अधिनियम में स्त्री और पुरुष की शादी को लेकर कानूनी प्रावधान हैं. कानून की धारा 5 और 7 में कहा गया है कि लड़के की न्यूनतम उम्र 21 साल और लड़की की 18 साल होनी चाहिए.

Hindu Marriage Act: भारत में हिंदू और मुस्लिम समुदाय में शादी, तलाक और उत्तराधिकार को लेकर अलग-अलग नियम हैं. हिंदू समुदाय में ऐसे फैसले हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 के तहत लिए जाते हैं. हिंदू समुदाय में होने वाली शादियों को भी इस अधिनियम के तहत ही मान्यता दी जाती है. वहीं, मुस्लिम समुदाय में होने वाली शादियों और तलाक के मामले इस्लामी कानून के तहत सुने जाते हैं. इसके लिए मुस्लिम पर्सनल लॉ है.
हालांकि, भारत में सिर्फ हिंदू या मुस्लिम ही नहीं रहते. भारत में बड़ी संख्या में बौद्ध, सिक्ख और जैन धर्म को मानने वाले लोग भी रहते हैं. ऐसे में क्या आप जानते हैं कि जैन समाज के वैवाहिक मामलों का फैसला कैसे होता है? क्या इनके लिए अलग से नियम हैं? चलिए जानते हैं...
क्या कहता है कि हिंदू विवाह अधिनियम
हिंदू विवाह अधिनियम में स्त्री और पुरुष की शादी को लेकर कानूनी प्रावधान हैं. कानून की धारा 5 और 7 में कहा गया है कि इस अधिनियम के तहत हिंदू, बौद्ध, सिक्ख और जैन धर्म की वैध शादी के लिए लड़के की न्यूनतम उम्र 21 साल और लड़की की 18 साल होनी चाहिए. अगर लड़के या लड़की की पहले ही शादी हो चुकी है तो तलाक के बगैर दूसरी शादी नहीं हो सकती है. इस कानून में स्पष्ट किया गया है कि हिंदू विवाह अधिनियम के प्रावधान हिंदू समुदाय के साथ-साथ बौद्ध, सिक्ख और जैन धर्म को मानने वालों पर भी लागू होते हैं.
हाईकोर्ट ने किया साफ
हाल ही में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने इस मसले पर स्थिति को और स्पष्ट किया है. हाईकोर्ट ने साफ किया है कि जैन समाज के वैवाहिक मामले हिंदू विवाह अधिनियम के तहत ही सुने और निपटाए जाएंगे. बता दें, एक मामले में इंदौर कुटुंब न्यायालय ने फैसला दिया था कि हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 के प्रावधान जैन समुदाय पर लागू नहीं होते हैं. हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि हिंदू विवाह वैधता अधिनियम, 1949 को हिंदुओं, सिखों और जैनों में सभी मौजूदा विवाहों को वैध बनाने के लिए पारित किया गया था. अधिनियम की धारा 2 के तहत हिंदू की परिभाषा के अनुसार, सिख या जैन धर्म को मानने वाले व्यक्ति भी शामिल हैं.
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