साल 2019 में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटा लिया गया था. इसके बाद से कश्मीर के स्टेट स्टेट्स के साथ काफी कुछ बदल गया है. अब जम्मू-कश्मीर, लद्दाख क्षेत्र में निवेश भी बढ़ने लगा है. आर्टिकल 370 हटने के बाद 5 साल बाद घाटी की स्थिति का काफी आंकलन किया जाता है. जैसे पांच साल में आतंकी घटनाओं की क्या स्थिति रही और निवेश के मामले में कश्मीर ने कितनी तरक्की की. ऐसे में आज हम आपको बिजनेस के नजरिए से बताते हैं कि आखिर जम्मू-कश्मीर में पिछले 3 साल में कितना बदलाव हुआ है?
बता दें कि सरकार ने पिछले कुछ सालों में निवेश को बढ़ावा देने के लिए कई नीतियां लागू की है. इन नीतियों की वजह से घाटी में होने वाले निवेश में काफी बदलाव हुआ है. तो हर साल के हिसाब से जानते हैं कि निवेश में कितना बदलाव हुआ है...
कितना हुआ है निवेश?
गृह मंत्रालय की ओर से राज्यसभा में निवेश की जानकारी दी गई है. गृह मंत्रालय की जानकारी के अनुसार साल 2019-20 में जम्मू-कश्मीर में 296.64 करोड़ रुपये, साल 2020-21 में 412.74 करोड़ रुपये, साल 2021-22 में 376.76 करोड़ रुपये, साल 2022-23 में 2153.45 करोड़ रुपये और साल 2023-24 में 2417.19 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है. ऐसे में अगर 2019 से 2023 की तुलना की जाए तो ये निवेश करीब 10 गुना बढ़ गया है, जो निवेश 296 करोड़ था वो 2417 करोड़ हो गया है.
कौन-कौनसी नीतियां लागू हुईं?
वहीं, अगर सरकार की नीतियों की बात करें तो जम्मू और कश्मीर औद्योगिक नीति, 2021-30, जम्मू और कश्मीर औद्योगिक भूमि आवंटन नीति, 2021-30, जम्मू और कश्मीर निजी औद्योगिक संपदा विकास नीति, 2021-30, जम्मू और कश्मीर में औद्योगिक क्षेत्र में विदेशी निवेश को बढ़ावा देने की नीति, 2022, जम्मू और कश्मीर सिंगल विंडो नियम 2021, टर्नओवर प्रोत्साहन योजना, 2021 जैसी 12 योजनाओं की शुरुआत हुई है.
आतंक की क्या है स्थिति?
आतंकी मामलों को देखें तो साल 2019 से 2023 तक केंद्रीय शासित प्रदेश लद्दाख में कोई भी आतंकी घटना दर्ज नहीं की गई है. वहीं, जम्मू-कश्मीर में साल 2019 में 153, 2020 में 126, 2021 में 129, 2022 में 125 और साल 2023 में 46 आतंकी गतिविधियां हुई हैं.
गौरतलब है कि साल 2019 में ही जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रभाव को खत्म कर दिया था और राज्य को 2 हिस्सों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था. इसके साथ ही दोनों को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया था.
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