चुनाव में इस्तेमाल के बाद किन देशों ने लगाया EVM पर बैन? जान लीजिए वजह
भारत में किसी भी चुनाव के बाद ईवीएम की चर्चा होना आम बात हो चुकी है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कई देश ऐसे भी हैं, जिन्होंने ईवीएम पर बैन लगा दिया है. उन देशों में अब बैलेट पेपर पर चुनाव होता है.
भारत में किसी भी चुनाव के बाद ईवीएम की चर्चा होना कोई नई बात नहीं है. जैसे अभी एक महीने पहले महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के बाद भी विपक्ष ने ईवीएम से छेड़छाड़ का आरोप लगाया था. लेकिन क्या आप जानते हैं कि चुनाव में इस्तेमाल करने के बाद किन देशों ने ईवीएम पर बैन लगाया है. आज हम आपको बताएंगे कि किन देशों ने ईवीएम पर बैन लगाया है.
ईवीएम क्या है?
ईवीएम यानी इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन है. बता दें कि ईवीएम में दो यूनिट्स होते हैं, जिसमें कंट्रोल और बैलेट होती है. यानी एक यूनिट जिस पर बटन दबा कर आप अपना वोट देते हैं और दूसरी यूनिट जिसमें आपके वोट को स्टोर किया जाता है. कंट्रोल यूनिट मतदान अधिकारी के पास होती है, जबकि बैलेट यूनिट को दूसरी तरफ रखा जाता है, जहां से लोग वोट डाल पाते हैं.
इन देशों में ईवीएम पर रोक
बता दें कि भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश ने हाल ही में अपने यहां चुनावों में ईवीएम के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है. वहीं एशियाई देश जापान ने भी ईवीएम की विश्वसनीयता को संदेहजनक मानते हुए उसे इलैक्शन में बैन कर दिया है. इसके अलावा हाल ही में कई देशों ने इस पर रोक लगाई है, जिसमें जर्मनी, नीदरलैंड और आयरलैंड का नाम शामिल है. चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) का उपयोग बंद करने वाला नवीनतम देश जापान है, जिसने 2018 में नगरपालिका चुनावों के बाद इसका उपयोग बंद कर दिया था.
बांग्लादेश में बैलेट बॉक्स पर चुनाव
बांग्लादेश ने 2018 के आम चुनावों में तो ईवीएम का उपयोग किया था. लेकिन उसके बाद जब विपक्षी दलों ने इसका विरोध किया था, तो बांग्लादेश ने 2023 के आम चुनावों से पारंपरिक मतपेटियों का उपयोग करना शुरू कर दिया. वहीं अगले साल भी बांग्लादेश में जो चुनाव होने जा रहे हैं, वो ईवीएम पर नहीं बल्कि बैलेट बॉक्स के जरिए ही होंगे.
जर्मनी ने कहा ईवीएम असंवैधानिक
जर्मनी में 2009 में एक जर्मन अदालत ने फैसला सुनाया था कि ईवीएम असंवैधानिक हैं. मतदान प्रक्रिया की पारदर्शिता और सार्वजनिक जांच पर चिंताओं के कारण उन्हें बंद कर दिया गया है. जर्मनी में निष्कर्ष निकाला गया है कि ईवीएम सार्वजनिक जांच के लिए संवैधानिक आवश्यकताओं को पूरा नहीं करती हैं. अदालत ने पाया कि ईवीएम कंप्यूटर आधारित प्रणाली होने के कारण ये आम नागरिकों के लिए स्वाभाविक रूप से अपारदर्शी थे.
पाकिस्तान ईवीएम से चुनाव?
इसके अलावा कई देश अपने यहां चुनावों के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का उपयोग करने की संभावना तलाश रहे हैं. उसमें पाकिस्तान शामिल है, जिसने एक प्रोटोटाइप ईवीएम विकसित किया है. अपने आगामी चुनाव इसके जरिए कराने पर विचार कर रहा है.