Japan Wooden Satellite: टेक्नोलॉजी के मामले में जापान के आगे बाकी देश काफी हल्के नजर आते हैं. यूएस न्यूज़ एंड वर्ल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक टेक्नोलॉजी में सबसे पहले स्थान पर जापान है . तो वहीं दूसरे स्थान पर साउथ कोरिया है. तीसरे स्थान पर चीन है, चौथे स्थान पर अमेरिका का नंबर आता है. जहां भारत और दूसरे देशों में ठीक से 5G नेटवर्क नहीं चल पा रहा है. तो वहीं  जापान में 6G चल रहा है. हाल ही में जापान से एक और खबर आई है कि जापान अब अंतरिक्ष में एक लकड़ी की सेटेलाइट बनाकर भेजने वाला है. अंतरिक्ष विज्ञान में अबसे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ. आखिर जापान ने क्यों उठाया है यह कदम  आइये जानते हैं. 


जापान भेज रहा है लकड़ी की सेटेलाइट 


जापान की स्पेस एजेंसी JAXA जिसे जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी कहा जाता है. उसने हाल ही में एक लकड़ी की सेटेलाइट बनाई है. इस वुडन सैटेलाइट को क्योटो यूनिवर्सिटी और लॉगिंग कंपनी सुमितोमो वानिकी के रिसचर्स ने मिलकर बनाया है. इस सैटेलाइट को नाम दिया गया है लिग्रोसैट. सैटेलाइट को बनाने से पहले जिस लकड़ी से इसे बनाया गया है. उस लकड़ी का अच्छी तरह से परीक्षण कर लिया गया था. स्पेस के माहौल में लकड़ी सरवाइव कर पाएगी या नहीं यह भी सुनिश्चित कर लिया गया था. तब जाकर ही इस सैटेलाइट को बनाने का काम शुरू किया गया था. इस सैटेलाइट को मैगनोलिया लकड़ी से बनाया गया है. जापान की स्पेस एजेंसी JAXA अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के साथ मिलकर मार्च में इस सैटेलाइट को लॉन्च  करेगा. 


इस कारण से लकड़ी से बनाई गई


सामान्य तौर पर सैटेलाइट मेटल से बनाई जाती हैं. मेटल से बनी सैटेलाइट जब स्पेस में क्रैश हो जाती हैं. तब इनके  अल्युमिनियम के पार्टिकल्स ऊपरी वातावरण में रह जाते हैं. जिससे फिर पृथ्वी के पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है. कुछ रिसर्च में यह भी बताया गया है कि मेटल सेटेलाइट से ओजोन लेयर को भी खतरा है. इसके चलते भी लकड़ी की सेटेलाइट बनाई गई है. लकड़ी बायोडिग्रेडेबल होती है. यानी ऐसी चीज जो प्राकृतिक तरीके से प्रकृति में मिलकर खत्म हो जाती है और पर्यावरण को दूषित नहीं करती.  


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