बिना पार्टनर से पूछे नहीं करवा सकते हैं अबॉर्शन, इस देश में है ये नियम
गर्भपात को लेकर दुनिया के सभी देशों में अलग-अलग नियम है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि जापान में गर्भपात कराने के लिए महिला को अपने पार्टनर से इजाजत लेना जरूरी होता है? जानिए क्या है नियम.
दुनियाभर में गर्भपात को लेकर हमेशा सभी देशों का अपना अलग-अलग तर्क होता है. कुछ देशों में गर्भपात लीगल है, वहीं कई देशों में गर्भपात कराने के लिए कई नियम हैं, जिन्हें फॉलो करना जरूरी होता है. आज हम आपको बताएंगे कि भारत में गर्भपात को लेकर क्या नियम हैं और किस देश में गर्भपात के लिए पार्टनर से सहमति लेनी होती है.
गर्भपात
गर्भपात यानी महिला के पेट में जन्म ले रहे बच्चे को गिराना है. भारत में गर्भपात को नियंत्रित करने वाले कानून मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी एक्ट 1971 के अनुसार एक पंजीकृत चिकित्सक गर्भपात कर सकता है लेकिन गर्भावस्था से गर्भवती महिला के मानसिक या शारीरिक स्वास्थ्य को खतरा हो या भ्रूण के गंभीर मानसिक रूप से पीड़ित होने की संभावना हो, या प्रसव होने पर शारीरिक असामान्यताएँ हो सकती हैं.
क्या कहता है कानून
दुनियाभर के तमाम देशों की तरह भारत में भी गर्भपात के लिए नियम बनाए गए हैं. इसके लिए कानून बनाया गया है मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट के मुताबिक एक योग्यता प्राप्त डॉक्टर ही गर्भपात करने की इजाजत दे सकता है. वहीं अगर डॉक्टर को ये पता चलता है कि इससे बच्चे या भ्रूण को खतरा है या फिर डिलीवरी से मां की जान जा सकती है, तो इस स्थिति में गर्भपात की इजाजत दी जा सकती है.
कितने हफ्ते तक हो सकता है गर्भपात
गर्भपात के लिए एक समयसीमा तय की गई है. जिसमें अगर कोई महिला 20 हफ्ते से कम समय से प्रेग्नेंट है, तो वो किसी एक डॉक्टर की सलाह से गर्भपात करवा सकती है. वहीं अगर डॉक्टर को लगता है कि गर्भपात सुरक्षित है, तो इसकी इजाजत दी जा सकती है. वहीं अगर 20 हफ्ते से 24 हफ्ते के बीच की प्रेग्नेंसी है, तो दो डॉक्टरों की सलाह लेनी जरूरी होती है. हालांकि 20 हफ्ते से 24 हफ्ते तक सिर्फ वही महिलाएं अबॉर्शन करवा सकती हैं, जो बलात्कार पीड़िता, नाबालिग या फिर मानसिक और शारीरिक तौर पर बीमार हैं. वहीं 24 हफ्ते के बाद गर्भपात सिर्फ मेडिकल बोर्ड की सहमति से किया जा सकता है.
पार्टनर की सहमति
जापान में गर्भपात कराना कानूनी है. लेकिन इसके लिए पार्टनर की सहमति होना जरूरी होता है. नियमों के मुताबिक जापानी महिलाओं को गर्भपात की गोली के इस्तेमाल के लिए अपने साथी की सहमति लेनी होगी. आसान भाषा में समझे तो वहां पर कोई महिला अकेले गर्भपात नहीं करा सकती हैं, इसके लिए महिला और पार्टनर दोनों को तैयार होना पड़ेगा. इसके बाद ही डॉक्टर्स गर्भपात की इजाजत देते हैं.
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