Law In Japan: दुनिया में हर देश के अलग-अलग कानून हैं. कुछ देशों में तो ऐसे कानून भी हैं, जिन्हें जानकर बड़ी हैरानी होती है. ऐसे अजीबो गरीब कानूनों को जानने के बाद दिल में यही ख्याल आता है कि क्या सच में ऐसा है? ऐसा ही एक कानून जापान में भी हैं जो बहुत अजीब है. अगर आप गौर करेंगे तो पाएंगे कि जापान के लोग मोटे नहीं होते हैं. क्या आपने कभी सोचा है कि जापान के लोग मोटे नजर क्यों नहीं आते हैं? क्या कारण है कि वहां हर कोई पतला ही नजर आता है? दरअसल, इसके पीछे की वजह जापान का वो कानून है जिसमें लोगों को मोटा होने की इजाजत नहीं है. जी हां, जापान में मोटा होना गैर-कानूनी है.
पैदल चलने का है कल्चर
जापान में किसी को भी शरीर का वजन बढ़ाने की इजाजत नहीं हैं. इस अजीबोगरीब कानून की वजह से दुनिया में सबसे कम मोटापे की दर जापान में ही है. कानून के अलावा, वहां के लोगों की डाइट और उनका ट्रांसपोर्ट सिस्टम भी कुछ हद तक उनके पतले होने में खास भूमिका निभाते हैं. यहां के लोगों की डाइट में मछली, सब्जियां और चावल आदि चीजें शामिल होती हैं. इसके अलावा पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए दूर तक चलना और पैदल चलने का कल्चर होने की वजह से भी जापान के लोग मोटे नहीं होते हैं.
मोटापे से जुड़े कानून का नाम
जापान में लाए गए मोटापे से जुड़े इस कानून को Metabo Law कहा जाता है. इसे 2008 में जापान का स्वास्थ्य, श्रम और कल्याण मंत्रालय लाया था. इस कानून के अंतर्गत हर साल 40 से 74 साल के बीच की उम्र के पुरुषों और महिलाओं की कमर का माप लिया जाता है. इसमें पुरुषों की कमर का साइज 33.5 इंच और पुरुषों के लिए ये 35.4 इंच है.
क्यों लाया गया जापान में ये अजीब कानून?
दरअसल, जापान में एक बड़ी आबादी बुजुर्गों की है और इन सभी के इलाज का जिम्मा सरकार के सर होता है. Metabo Law को इसलिए लाया गया था, क्योंकि सरकार नहीं चाहती थी कि कोई भी मोटापे की वजह से डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारी से जूझे. क्योंकि अगर ऐसा होता है तो इलाज पर बहुत ज्यादा खर्च होगा.
मोटा होने पर क्या सजा मिलती है?
हालांकि, जापान में मोटे होने पर आधिकारिक तौर पर सजा का प्रावधान नहीं है. लेकिन, इसके अलावा कई चीजें हैं जो लोगों को पतला कर देती हैं. जापान में अगर कोई मोटा है तो उसे पतला होने की क्लास लेनी पड़ती है. इन क्लासेज का आयोजन हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी करती हैं. इसके अलावा कोई मोटा व्यक्ति जिस कंपनी में काम कर रहा होता है, वहां पर उस व्यक्ति पर मानसिक दबाव पड़ता रहता हैं.
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