आप देख रहे होंगे कि पिछले कुछ दिनों में कई ऐसी बॉलीवुड फिल्में रिलीज हुई हैं, जिन्होंने कमाई के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. फिल्मों के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन ये है कि अब एक हफ्ते से पहले ही कलेक्शन 5 करोड़ तक पहुंच जा रहा है. जैसे हाल में रिलीज हुई शाहरुख खान की फिल्म जवान ने सिर्फ 5 दिन में ही 500 करोड़ रुपये का कलेक्शन कर लिया है. ऐसे में सवाल है कि आखिर फिल्म का जितना कलेक्शन होता है, उसमें फिल्म की कास्ट की कितनी कमाई होती है. दरअसल, फिल्म कलेक्शन में टैक्स का पैसा, सिनेमाघर वालों का हिस्सा, फिल्म टीम की कमाई आदि शामिल होते हैं. 


तो आज हम आपको 200 रुपये की टिकट को एक पैमाना मानकर आपको बताते हैं कि आखिर जब 200 रुपये की टिकट बिकती है तो इसमें सरकर का कितना टैक्स शामिल होता है और टैक्स के अलावा इस टिकट में किस-किस का कितना हिस्सा होता है. जानते हैं कलेक्शन से जुड़ी कुछ खास बातें... 


कलेक्शन में क्या क्या शामिल होता है?


दरअसल, बॉक्स ऑफिस कलेक्शन में एंटरटेनमेंट टैक्स, प्रोड्यूसर की कमाई, सिनेमोघरों की कमाई, डिस्ट्रीब्यूटर की कमाई आदि शामिल होती है. फिल्म की कमाई का खेल समझने से पहले आपको बताते हैं कि फिल्म में किस तरह से कमाई होती है, क्योंकि हर फिल्म में कमाई का तरीका एक जैसा नहीं रहता है. दरअसल, पहले फिल्म प्रॉड्यूसर अपने खर्चे पर फिल्म बनाता है और उसके बाद एक डील के माध्यम से वो फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर को देता है. इस डील में कुछ भी कंडीशन हो सकती है.


इसके बाद डिस्ट्रीब्यूटर फिल्म के शो आदि को लेकर सिनेमाघरों से कॉन्ट्रेक्ट करता है और ये डील डिस्ट्रीब्यूर और सिनेमाघरों के बीच होती है. इसके बाद जितनी भी टिकट बिकती है, उसके आधार पर सिनेमाघर कलेक्शन का हिस्सा डिस्ट्रीब्यूटर को देता है और वो प्रोड्यूसर को अपना हिस्सा काटकर देता है. इसके बाद प्रोड्यूसर को आखिरी कमाई होती है. इसके साथ ही फिल्म टिकट में टैक्स का भी हिस्सा होता है और ये हिस्सा सरकार के पास जाता है. ऐसे में ये डील पर डिपेंड करता है कि किसकी कितनी कमाई होगी. 


कितना लगता है टैक्स?


अब आपको टैक्स के बारे में बताते हैं. दरअसल, फिल्म की रेट 100 रुपये से कम है तो उसकी टिकट पर 12 परसेंट जीएसटी लगता है. लेकिन 100 रुपये से ज्यादा प्राइज वाली टिकट का जीएसटी स्लैब अलग है और 100 रुपये से ज्यादा टिकट वाली 18 परसेंट GST चार्ज किया जाएगा. 


200 रुपये की टिकट का गणित?


अगर आप 200 रुपये की टिकट खरीदते हैं तो इसमें 18 फीसदी टैक्स तो सरकार के पास जमा होता है. इसमें 9 फीसदी हिस्सा राज्य सरकार और 9 फीसदी केंद्र सरकार का होता है. इसके बाद जो अमाउंट बचता है, उसमें से कुछ हिस्सा सिनेमाघर का होता है. फिर डील के हिसाब से कमाई को डिस्ट्रीब्यूटर और प्रोड्यूसर आपस में बांट लेते हैं. 


ये भी पढ़ें- पाकिस्तान में हर रोज 1 जीबी इंटरनेट वाले रिचार्ज के कितने पैसे लगते हैं?