यहूदियों में भी होता है दिवाली जैसा एक फेस्टिवल, जानिए वो लोग क्या क्या करते हैं
आपको बता दें यहूदियों का ये पवित्र त्योहार दिवाली के बाद दिसंबर में मनाया जाता है. हर साल 10 दिसंबर से 18 दिसंबर के बीच यहूदियों का ये त्योहार मनाया जाता है.
भारतीय लोगों के लिए दिवाली एक ऐसा त्योहार है जिसका इंतजार उन्हें पूरे साल रहता है. इस दिन पूरा भारत रौशनी से नहा उठता है. दिवाली वाले दिन आप जिधर देखेंगे आपको रौशनी ही रौशनी नजर आएगी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि यहूदियों के यहां भी दिवाली जैसा एक त्योहार मनाया जाता है. सबसे बड़ी बात कि ये लोग भी इसे दिवाली की तरह रौशनी का त्योहार कहते हैं. चलिए जानते हैं यहूदी इसे कैसे मनाते हैं और ये दिवाली से कितना मिलता-जुलता है.
यहूदियों का त्योहार
हम यहूदियों के जिस त्योहार की बात कर रहे हैं उसका नाम है हनुका. यहूदी इसे फेस्टिवल ऑफ लाइट्स भी कहते हैं. यहूदियों के लिए ये त्योहार काफी महत्वपूर्ण होता है. इस दिन पूरा इजरायल रौशनी में नहा जाता है. सबसे बड़ी बात कि ये त्योहार सिर्फ एक दिन तक नहीं मनाया जाता. बल्कि ये त्योहार पूरे आठ दिनों तक मनाया जाता है. यानी हनुका त्योहार के दौरान पूरे आठ दिनों तक हर यहूदी के घर में चौबिसों घंटे रौशनी रहती है.
कब मनाया जाता है ये त्योहार
आपको बता दें यहूदियों का ये पवित्र त्योहार दिवाली के बाद दिसंबर में मनाया जाता है. हर साल 10 दिसंबर से 18 दिसंबर के बीच यहूदियों का ये त्योहार मनाया जाता है. सबसे बड़ी बात कि ये त्योहार सिर्फ इजरायल के यहूदी ही नहीं मनाते. बल्कि इसे पूरी दुनिया के यहूदी मनाते हैं. इस त्योहार कि इतनी ज्यादा मान्यता है कि यहूदी इस दौरान कहीं भी रहें ये त्योहार मनाने के लिए वो अपने घर जरूर पहुंचते हैं.
यहूदी क्यों मनाते हैं हनुका
जिस तरह दिवाली राम जी के अयोध्या वापसी पर मनाया जाता है, उसी तरह यहूदी भी हनुका त्योहार को अपनी जीत की जश्न की याद में मनाते हैं. कहा जाता है कि इन्हीं दिनों में यहूदियों ने क्रोबियन विद्रोह में ग्रीक-सीरियाई शासकों के खिलाफ आवाज उठाई थी और उन्हें यरूशलेम से बाहर निकाल दिया था.
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