Israel Hamas War: इजरायल और हमास के बीच पिछले कई दिनों से जंग जारी है, जिसमें हजारों लोगों की अब तक मौत हो चुकी है. मरने वालों में सैकड़ों बच्चे भी शामिल हैं. यहूदियों के देश इजरायल पर इस चरमपंथी संगठन ने अचानक हमला कर दिया था, जिसके बाद अब इजरायल हर तरफ से गाजा पट्टी पर हमला बोल रहा है. फलिस्तीन और इजरायल के बीच ये संघर्ष कोई नया नहीं है, ये कई दशकों पुरानी दुश्मनी है. इजरायल बनने के साथ ही ये लड़ाई शुरू हो गई थी, जो आज तक खत्म नहीं हुई. इस पूरे विवाद के बीच एक गांव का जिक्र हो रहा है, जो एक दूसरे से नफरत करने वाले इजरायल और फिलिस्तीन के लिए एक मिसाल की तरह है.
आपस में मिलकर रहते हैं लोग
दरअसल इजरायल के यरूशलम और तेल अवीव के बीच एक गांव है, जहां पर हजारों की संख्या में यहूदी और फलिस्तीनी रहते हैं. यहां ये दोनों समुदाय के लोग आपस में मिल जुलकर रहते हैं और नफरत से कोसों दूर हैं. दोनों ही देशों के बीच तमाम विवादों के बावजूद ये लोग एक दूसरे की मदद करते हैं और एकसाथ मिलकर रहते हैं.
70 से ज्यादा परिवार
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक इस गांव का नाम अरबी में वाहल अल सलाम है, जिसका मतलब शांति का मरूद्यान होता है. इस गांव में 70 से ज्यादा परिवार रहते हैं. इनमें यहूदी और अरब दोनों ही शामिल हैं. रिपोर्ट के मुताबिक इस गांव में रहने के लिए वही परिवार आते हैं, जो दोनों तरफ शांति कायम रखने पर विश्वास करते हैं. ये लोग किसी भी तरह एक दूसरे में भेदभाव नहीं करते हैं. इस गांव में बच्चों का एक बड़ा स्कूल बनाया गया है, जिसमें यहूदी और अरबी दोनों समुदाय के बच्चे एक साथ पढ़ते हैं.
जंग और खून-खराबे के बीच मौजूद इस गांव की शुरुआत महज 4 परिवारों से हुई थी, जिसके बाद तमाम लोग यहां बसते गए. आज इस गांव की आबादी लगातार बढ़ रही है और यहां के कुछ लोग इजरायल और फलिस्तीन में भी ये मैसेज पहुंचाने का काम करते हैं. क्योंकि उन्हें उम्मीद है कि नफरत एक दिन खत्म होगी और दोनों देश शांति से रहेंगे.
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