झारखंड में कितनी है आदिवासियों की संख्या, यहां देखें पिछली तीन जनगणनाओं के आंकड़े
2001 राष्ट्रीय जनगणना के अनुसार, झारखंड में आदिवासी समुदाय की संख्या 70 लाख 87 हजार थी. यह राज्य की कुल आबादी का 26.3 फीसदी था.
झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के लिए बिगुल फूंक दिया गया है. यहां 13 और 20 नवंबर को दो चरणों में वोट डाले जाएंगे. जबकि, वोटों की गिनती 23 नवंबर को होगी. यानी 23 नवंबर को पता चल जाएगा कि आखिर झारखंड में किसकी सरकार बन रही है.
झारखंड में सरकार बनाने के लिए लड़ाई एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच है. एनडीए में जहां- बीजेपी, आजसू पार्टी, जेडीयू और लोजपा-आर शामिल हैं. वहीं इंडिया गठबंधन में जेएमएम, कांग्रेस, आरजेडी और भाकपा-माले शामिल है.
ये सभी पार्टियां जानती हैं कि अगर झारखंड में सरकार बनाना है तो आदिवासी वोटों को अपने पाले में करना होगा. यही वजह है कि आदिवासी समुदाय को लेकर राजनीतिक पार्टियां तरह-तरह के वादे भी कर रही हैं. चलिए आज इस खबर में हम आपको बताते हैं कि आखिर झारखंड में आदिवासी समुदाय की संख्या कितनी है.
2011 में आदिवासियों की संख्या कितनी थी
राष्ट्रीय जनगणना के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, साल 2011 में झारखंड में आदिवासी समुदाय की कुल जनसंख्या 86 लाख 45 हजार थी. इनमें महिलाओं की संख्या 43 लाख 29 हजार थी. वहीं पुरुषों की संख्या 43 लाख 15 हजार थी.
शिक्षा के हिसाब से बात करें तो राज्य की कुल आदिवासी समुदाय की संख्या में 41 लाख थी. यानी आधी से ज्यादा आबादी साल 2011 तक झारखंड में अशिक्षित थी. बड़ी बात ये है कि अशिक्षित आबादी में 24 लाख 35 हजार पुरुष थे. जबकि, अशिक्षा के मामले में महिलाओं की संख्या 16 लाख 65 हजार थी.
2001 में आदिवासियों की संख्या कितनी थी
2001 राष्ट्रीय जनगणना के अनुसार, झारखंड में आदिवासी समुदाय की संख्या 70 लाख 87 हजार थी. यह राज्य की कुल आबादी का 26.3 फीसदी था. 2001 में झारखंड की कुल आबादी 26,945,829 थी. इसमें महिलाओं की संख्या 35 लाख 21 हजार थी. वहीं पुरुषों की संख्या 35 लाख 65 हजार थी.
1991 में आदिवासियों की संख्या कितनी थी
1991 की जनगणना में झारखंड शामिल नहीं था. ऐसा इसलिए क्योंकि झारखंड 15 नवंबर 2000 को बिहार से अलग होकर एक अलग राज्य बना था. उससे पहले आज का झारखंड बिहार का एक हिस्सा हुआ करता था. चलिए आपको बताते हैं कि 1991 में बिहार में आदिवासियों की जनसंख्या कितनी थी.
1991 की भारतीय जनगणना के अनुसार, बिहार में आदिवासियों की संख्या 66 लाख 16 हजार 914 थी. इसके आधार पर हम कह सकते हैं कि 2000 में जब झारखंड बंटा होगा तब वहां आदिवासियों की संख्या 60 लाख के आसपास रही होगी. झारखंड के प्रमुख आदिवासी समुदायों की बात करें तो ये संताल, मुंडा, हो, उरांव, गोंड, खड़िया, बिरहोर और छोटा नागपुरी शामिल हैं.
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