Joe Biden Agents: इस बार भारत G20 समिट का नेतृत्व कर रहा है. दिल्ली में आयोजित होने जा रहे इस दो दिवसीय शिखर सम्मेलन में कई विदेशी राष्ट्राध्यक्ष शामिल होने आ रहे हैं. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन भी इस समिट में शामिल होंगे. उनके भारत दौरे से पहले ही प्रेसीडेंट के सीक्रेट एजेंट्स भारत पहुंच गए हैं. दिलचस्प बात यह है कि यह एजेंट्स अमेरिकी राष्ट्रपति के दौरे से पहले हर बार पहुंच जाते हैं, चाहें राष्ट्रपति किसी भी देश का दौरा कर रहे हों. ऐसा क्यों होता है? और इनके दौरे का क्या उद्देश्य होता है? वे भारत में अभी क्या कर रहे हैं?

इनके रहते परिंदे भी नहीं मार सकते पर


अमेरिका के राष्ट्रपति जिस भी प्लेन में सफर करते हैं, उसे एयरफोर्स-1 का दर्जा दिया जाता है. अभी तक भारत में बाइडन से पहले 7 अमेरिकी राष्ट्रपति भारत का दौरा कर चुके हैं. जो बाइडेन 8वें प्रेसीडेंट होंगे जो भारत का दौरा कर रहे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति की सुरक्षा की जिम्मेदारी सीक्रेट सर्विस एजेंट्स के पास होती है. यह एजेंट्स प्रेसीडेंट के दौरे से पहले उस देश में सुरक्षा का जायजा लेने के लिए जाते हैं. सीक्रेट सर्विस को अमेरिका के सबसे बेस्ट और ट्रेंड एजेंट्स माना जाता है. इनके रहते हुए कोई परिंदा भी पर नहीं मार सकता है. इस सर्विस का मुख्यालय अमेरिका के वाशिंगटन में है, जिसमें 7 हजार से अधिक एजेंट्स हैं. जिस तरह भारत में सबसे बेस्ट कमांडो NSG को माना जाता है. ठीक वैसे ही अमेरिका में सीक्रेट एजेंट्स जो दर्जा प्राप्त है. 

सुरक्षा व्यवस्था की होती है जिम्मेदारी


सीक्रेट सर्विस के एजेंट अभी भारत पहुंच चुके हैं और वह प्रेसीडेंट के एयरपोर्ट पर उतरने से लेकर होटेल पहुंचने के बीच के रास्ते की जांच कर रहे हैं. इस टीम में प्रेसिडेंट स्टाफ और बाकी सुरक्षाबल भी मौजूद होते हैं. एयरपोर्ट से लेकर जिस होटल में राष्ट्रपति ठहरते हैं, उसमें ये एजेंट्स पहुंचते हैं. इन एजेंट्स का फोकस उस देश में होने वाली हर गतिविधियों पर भी होती है. यह उस देश के बेस्ट कमांडो से सुरक्षा की जानकारियां लेते हैं और उस रास्ते की बम स्क्वॉड से चेक कराते हैं. प्रेसीडेंट जो बाइडेन के अमेरिका से रवाना होने से पहले की तैयारियों की बात करें तो जिस दिन राष्ट्रपति को विदेशी दौरे पर जाना होता है. वह अपने मरीन वन हेलिकॉप्टर में बैठकर एयरपोर्ट पहुंचते हैं, जहां उनका प्लेन एयरफोर्स वन होता है. उनके काफिले को पहले से ही एक दूसरे प्लेन में लोड कर दिया जाता है. तमाम सुरक्षा पहलुओं की जांच-पड़ताल करने के बाद प्रेसीडेंट की प्लेन उड़ान भरती है.