क्या कोई इंसान पक्षियों का खून पीकर और जिंदा कछुए खा कर 400 दिन तक जिंदा रह सकता है?
जोस की पूरी कहानी '438 डेज: एन एक्स्ट्राऑर्डिनरी ट्रू स्टोरी ऑफ सर्वाइवल एट सी' किताब में पढ़ सकते हैं. इसमें लिखा है कि कैसे समुद्र में एक-एक दिन उनके लिए मौत से भी बदतर था.
सोचिए क्या हो अगर आप कहीं ऐसी जगह फंस जाए, जहां खाने को ना खाना हो और ना ही पीने को पानी हो. आप क्या करेंगे? जाहिर सी बात है जीने के लिए हर वो जतन करेंगे जो आपसे बन पड़गा. कुछ ऐसा ही किया मेक्सिको के जोस ने. उन्होंने समु्द्र के बीचों बीच 438 दिन बिताए और अंत में जिंदा वापिस धरती पर कदम रखा. चलिए आपको इस कहानी के बारे में विस्तार से बताते हैं. इसके साथ ही आपको ये भी बताते हैं कि समुद्र से बचकर आने के बाद उन पर 8 करोड़ रुपये का मुकदमा कैसे और क्यों हो गया.
समुद्र में कैसे पहुंचे
जोस साल्वाडोर अल्वारेंगा मछली पकड़ने का काम करते हैं. साल 2012 में एक दिन वह अपने साथी मछुआरे एजेकिएल कोर्डोबा के साथ समुद्र में मछली पकड़ने गए. जैसे ही तट से कुछ दूर इन मछुआरों की नांव पहुंची, अचानक से तूफान आ गया और इनकी नाव समुद्र में ही फंस गई. ये तूफान लगभग एक हफ्ते तक चला और इस बीच ये किनारे से बहुत दूर आ गए, इसके अलावा इनकी नांव भी टूट कर खराब हो गई. ऐसे में उनके पास वापिस घर जाने का कोई रास्ता नहीं था.
दोस्त की हो गई मौत
जोस जब जमीन पर वापिस आए तो उन्होंने द टेलीग्राफ को एक इंटरव्यू दिया और उसमें बताया कि जब वह समुद्र में फंस गए और उनके पास खाने पीने को कुछ नहीं बचा तो उन्होंने पक्षियों का शिकार किया और उसे पकड़ कर उसका खून पीकर अपनी प्यास बुझाई. इसके अलावा उन्होंने कछुए को भी खाया. हालांकि, शुरू के 10 हफ्तों में ही जोस के दोस्त एजेकिएल बीमार हो गए और उनकी मौत हो गई.
कैसे बचे जोस
जोस का कहना था कि उन्होंने हार नहीं मानी और किसी भी तरह से खुद को जिंदा रखा. इस बीच समुद्र में गुजरते जहाजों से उन्होंने कई बार मदद मांगी लेकिन किसी ने उनकी मदद नहीं की. हालांकि, लगभग 438 दिनों के बाद जब उनकी नांव एक द्वीप के किनारे पहुंची तो वह नाव से बाहर कूद गए और किसी तरह से तैर कर द्वीप पर पहुंचे. यहां एक परिवार ने उन्हें सहारा दिया और कुछ दिनों में जब उनकी हालत ठीक हुई तो वह वापिस अपने घर पहुंचे. आप जोस की पूरी कहानी '438 डेज: एन एक्स्ट्राऑर्डिनरी ट्रू स्टोरी ऑफ सर्वाइवल एट सी' किताब में पढ़ सकते हैं.
8 करोड़ का मुकदमा कैसे हुआ
जब जोश घर पहुंचे तो उनके साथ एजेकिएल नहीं थे. एजेकिएल के परिवार ने जब जोश की कही बातों को सुना तो उन्होंने आरोप लगाया कि जोश ने जिंदा रहने के लिए एजेकिएल को खा लिया. जबकि, जोस इसे सिरे से खारिज करते हैं. हालांकि, आपको बता दें, मेक्सिको के कानून के अनुसार, अगर जोस ने जिंदा रहने के लिए एजेकिएल की लाश को खाया भी हो तो यह अपराध नहीं माना जाएगा. बस शर्त ये है कि जोस ने एजेकिएल की हत्या ना की हो.
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