National Vanilla Ice Cream Day: दुनिया को कैसे मिली थी वनीला आइसक्रीम, कैसे यह बन गई हर किसी की फेवरेट?
वनीला आइसक्रीम सभी को बहुत पसंद है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में वनीला आइसक्रीम का इजात कैसे हुआ और ये आई कहां से?
National Vanilla Ice Cream Day: दुनियाभर में आइसक्रीम के शौकीनों की कमी नहीं है, ऐसे में बात जब वनीला आइक्रीम की आती है तो लोगों के मुंह में पानी आना स्वभाविक है. ऐसे में क्या आप जानते हैं कि दुनिया में सबसे पहले वनीला आइसक्रीम बनाई कैसे गई थी और इसका इतिहास क्या है?
कैसे बनाई गई थी पहली वनीला आइसक्रीम?
सबसे पहली वेनीला बीन एक्सट्रैक्ट का इस्तेमाल चॉकलेट ड्रिंक्स को स्वादिष्ट बनाने के लिए किया जाता था, लेकिन समय के साथ वेनिला ने चॉकलेट ड्रिंक्स से अलग एक अलग फ्लेवर के रूप में अपनी खास पहचान बनाई.
आखिरकार 1760 के दशक तक, फ्रांसीसियों ने इसे एक अलग आइसक्रीम फ्लेवर में बदल दिया. इस रेसिपी ने अमेरिका के संस्थापकों में से एक थॉमस जेफरसन का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया, जिन्होंने वनीला को नई पहचान दिलाई. आज के समय में हर जगह वनीला आइसक्रीम की खास डिमांड रहती है.
सबसे पहले कहां बनाई गई थी आइसक्रीम?
आइसक्रीम का इतिहास जितना दिलचस्प है उतनी ही इसे लेकर अलग-अलग धारणाएं भी हैं. कुछ लोग मानते हैं कि आइसक्रीम का आविष्कार चीन में 3000 ईसा पूर्व यानी तकरीबन 5000 साल पहले हुआ था. वहीं कुछ लोग मानते हैं कि इटली के एक व्यापारी मार्कोपोलो ने पहली बार आइसक्रीम एक डिश के रूप में बनाई थी.
हालांकि आइसक्रीम का जिक्र सबसे पहली बार 500 ईसा पूर्व ईरान के अचमेनिद साम्राज्य में भी मिलता है. कहते हैं कि फारसियों ने 400 ईसा पूर्व ही बर्फ से कई फ्लेवर की आइसक्रीम बनाना शुरू किया था. इसके अलावा ये भी कहा जाता है कि 200 ईसा पूर्व के आसपास चीन में आइसक्रीम बनाने के लिए दूध और चावल का इस्तेमाल किया जाता था. उस समय इसका स्वाद भारत में मिलने वाली ठंडी खीर की तरह ही होता था.
भारत में पहली बार कैसे पहुंची आइसक्रीम?
अब सवाल ये उठता है कि आइक्रीम भारत में सबसे पहले कौन लाया और ये सबकी पसंद कैसे बन गई? तो बता दें कि यहां आइसक्रीम मुगल बादशाहों के साथ पहुंची थीं. ऐसे दस्तावेज देखने को मिलते हैं, जो बताते हैं कि बादशाह अकबर के लिए आइसक्रीम जैसा ठंडा डेजर्ट बनाया गया था. इसकी रेसिपी आइना-ए-अकबरी और अकबरनामा में नजर आती है. आइसक्रीम को बड़े स्तर पर बनाने के लिए 1851 में इंसुलेटेड आइस हाउस का अविष्कार हुआ था. इसके बाद शाही परिवारों और अमीर लोगों तक सीमित आइसक्रीम आम आदमी तक भी पहुंची. इसके बाद ही खास से लेकर आम आदमी भी आइसक्रीम का स्वाद चखने लगा और धीरे-धीरे ये लोगों पसंद बन गई.
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