Jupiter Planet: बृहस्पति ग्रह 60 सालों बाद धरती के सबसे नजदीक आ रहा है. यह खगोलीय घटना 26 सितंबर को होगी. वैसे तो हर 13 महीने के बाद बृहस्पति ग्रह धरती के नजदीक आता है लेकिन इस बार दोनों ग्रहों के बीच की दूरी बहुत कम होगी. अपने इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बृहस्पति ग्रह से जुड़ी दिलचस्प जानकारी देंगे-


सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है बृहस्पति


बृहस्पति ग्रह सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है. यह सबसे तेज गति से अपने अक्ष पर सूर्य का चक्कर लगाने वाला ग्रह है. बृहस्पति को सूर्य का एक चक्कर पूरा करने में 11.86 साल का समय लगता है. सूर्य से दूरी के क्रम में पांचवें स्थान पर है यानी कि मंगल ग्रह के ठीक बाद बृहस्पति है. बृहस्पति ग्रह की खोज 1611 ई. में गैलीलियो गैलिलेई द्वारा की गई थी. इस ग्रह को लघु सौर तंत्र भी कहा जाता है.


सबसे भारी ग्रह है बृहस्पति


सिर्फ आकार की दृष्टि से सबसे बड़ा ही नहीं बल्कि बृहस्पति ग्रह सभी ग्रहों में सर्वाधिक भारी भी है. इसका व्यास 1,42,984 किलोमीटर है जबकि इसका औसत घनत्व 1.3 ग्राम/घन सेमी. है. 


बृहस्पति के एक उपग्रह पर है जीवन की संभावना


बृहस्पति ग्रह के उपग्रह यूरोपा पर जीवन की संभावना है. वॉयजर अभियान से मिले संकेतों के अनुसार यूरोपा की सतह धरती पर मौजूद बर्फीले समुद्रों की तरह ही दिखाई देती है. इनकी गहराई संभवत: 50 किलोमीटर तक है. यही वजह है कि वैज्ञानिक यहां तरल जल होने की संभावना जताते हैं और इस बात से इंकार नहीं करते हैं कि यहां जीवन की संभावना है.


बृहस्पति ग्रह पर पाई जाती हैं ये गैसें


बृहस्पति के वायुमंडल में मुख्य तौर पर हाइड्रोजन और हीलियम गैस पाई जाती है. .इसके अलावा अल्प मात्रा में मीथेन और अमोनिया का भी प्रमाण मिला है. बृहस्पति ग्रह का वायुमंडलीय दाब पृथ्वी की तुलना में बहुत अधिक है.


तारा और ग्रह दोनों के गुण


बृहस्पति ग्रह बहुत तेज गति से घूर्णन करता है जिसकी वजह से यहां एक चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न होता है और इसकी अपनी खुद की रेडियो ऊर्जा होती है. यही वजह है कि यह ग्रह तारा और ग्रह दोनों के गुण दिखाता है.


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