Kargil Vijay Diwas: कारगिल युद्ध शुरू होने के बाद पाकिस्तान ने क्या कहा था? जानें कौन था असली मास्टरमाइंड
भारत-पाकिस्तान की सैन्य जंग को इतिहास में विजय के प्रतीक के तौर पर कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है. इस युद्ध के पीछे का मास्टरमाइंड पाकिस्तान से ही था, जिसने कारगिल में घुसपैठ का आदेश दिया था.
Kargil Vijay Diwas: देश में आज कारगिल विजय दिवस मनाया जा रहा है. ये खास दिन देश की उन वीरों को समर्पित है जिन्होंने पाकिस्तानी सैनिकों के कब्जे से करगिल की ऊंची चोटियों आजाद करवाय था. ये युद्ध लगभग 60 दिनों तक चला था, जिसमें 2 लाख सैनिकों ने हिस्सा लिया था. इस युद्ध में हमारे देश के सैनिकों ने पाकिस्तान के नापाक इरादों को चकनाचूर कर दिया था हालांकि युद्ध के दौरान देश के 527 जवान शहीद हो गए थे. इस युद्ध की साजिश रचने वाला पाकिस्तान का एक जाना माना व्यक्ति था. जिसने पाकिस्तानी सैनिकों को कारगिल जिले में घुसपैठ का आदेश दिया था.
कौन था कारगिल युद्ध का मास्टरमाइंड?
कारगिल युद्ध की जब भी बात होती है तो हमारे देश के जवानों की वीर गाथाओं के बारे में बात होती है, लेकिन इस युद्ध का मास्टरमाइंड कौन था इस बारे में कम ही लोग जानते हैं. तो बता दें कि इस युद्ध का मास्टरमाइंड कोई और नहीं बल्कि पाकिस्तान सेना का पूर्व जनरल और पूर्व प्रधानमंत्री परवेज मुशर्रफ (General Pervez Musharraf) था. इस पूरे युद्ध की साजिश रचने के लिए परवेज मुशर्रफ को ही जिम्मेदार माना जाता है.
ये बात जानकर सभी को हैरानी हुई कि इस युद्ध के प्लान की पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनकी कैबिनेट तक को जानकारी नहीं थी. युद्ध के बाद पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने यहां तक कहा था कि ये ऑपरेशन (युद्ध) उनकी जानकारी के बिना चलाई गई थी. पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने साल 2018 में ये खुलासा किया था कि उन्हें परवेज मुशर्फ ने अपनी योजनाओं की जानकारी तक नहीं दी थी और उन्हें अंधेरे में रखा था.
परवेज मुशर्रफ ने पाकिस्तान पर कब्जा करने की खाई थी कसम?
परवेज मुशर्रफ ने अपनी जीवनी ‘इन द लाइन ऑफ फायर - अ मेमॉयर’ में लिखा कि, उन्होंने कारगिल पर कब्जा करने की कसम खाई थी, लेकिन नवाज शरीफ की वजह से उनका सपना अधूरा रह गया. इस युद्ध के प्रमुख रणनीतिकार परवेज मुशर्रफ ही थे. उन्होंने ही कारगिल जिले में गुप्त घुसपैठ का आदेश दिया था. इस चाल में परवेज मुशर्रफ के अलावा, लेफ्टिनेंट जनरल अजीज खान, लेफ्टिनेंट जनरल महमूद अहमद और मेजर जनरल जावेद हसन भी शामिल थे.
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