भारतीय समाज में ये कहावत बड़ी आम है कि बाप की विरासत बेटा संभालेगा. राजनीति और व्यापार में कई परिवार ऐसे हैं, जहां पिता की विरासत बेटे को मिल जाती है. लेकिन क्या सरकारी नौकरियों में भी ऐसा होता है.  खासतौर से मुख्य सचिव जैसे पद पर. दरअसल, कर्नाटक में ऐसा हो रहा है.


कर्नाटक के मुख्य सचिव रजनीश गोयल बुधवार को रिटायर होंगे और उनकी जगह उनकी पत्नी शालिनी गोयल कर्नाटक की मुख्य सचिव बनेंगी. आपको बता दें, शालिनी 1989 बैच की आईएएस अधिकारी हैं और शालिनी का रिटायरमेंट जून 2027 में होगा. इसके पहल भी इस तरह के मामले देश में हुए हैं. चलिए आपको बताते हैं कि आखिर मुख्य सचिव का चयन कैसे होता है और क्या पति की जगह कानून रूप से पत्नी ले सकती है.


कैसे चुना जाता है मुख्य सचिव


राज्य में शासन चलाने के लिए डीजीपी और मुख्य सचिव दो अधिकारियों का रोल सबसे अहम होता है. डीजीपी जहां यूपीएससी और मुख्यमंत्री दोनों की सहमति से चुना जाता है. वहीं मुख्य सचिव को चुनने का अधिकार पूरी तरह से राज्य के मुख्यमंत्री के पास होता है. सीएम किसी भी वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को राज्य का मुख्य सचिव चुन सकता है. वहीं अगर सीएम किसी वरिष्ठ अधिकारी की जगह किसी जूनियर अधिकारी को अपना मुख्य सचिव चुनता है तो इस स्थिति में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को मंत्रालय से बाहर मुख्य सचिव के समकक्ष किसी पद पर पदस्थ किया जाता है.


इससे पहले कई और ऐसे मामले हो चुके हैं. साल 2000 में जब कर्नाटक के मुख्य सचिव बीके भट्टाचार्य अपने पद से रिटायर हुए थे तो उनकी पत्नी टेरेसा भट्टाचार्य ने उनकी जगह राज्य के मुख्य सचिव का कार्यभार संभाला था. वहीं इससे पहले बीके दास के रिटायर होने पर उनकी पत्नी मालती दास ने भी कर्नाटक के मुख्य सचिन का पदभार संभाला था.


महाराष्ट्र में भी ऐसा हुआ था


कुछ दिनों पहले महाराष्ट्र में भी ऐसा हुआ था. दरअसल, राज्य के मुख्य सचिव मनोज सौनिक के रिटायर होने के बाद उनकी पत्नी सुजाता सौनिक को राज्या का मुख्य सचिव बना दिया गया था. हालांकि, मनोज सौनिक के रिटायर होने और सुजाता सौनिक के मुख्य सचिव बनने के बीच नितिन करीर ने भी ये पद संभाला था. चलिए अब जानते हैं कि कानून इस पर क्या कहता है.


दरअसल, राज्य में मुख्य सचिव को चुनने का अधिकार मुख्यमंत्री का होता है. वह किसी भी वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को राज्य का मुख्य सचिव चुन सकता है. ऐसे में अगर पति और पत्नी दोनों एक ही राज्य में आईएएस अफसर हैं और पति के बाद पत्नी राज्य की सबसे सीनियर आईएएस अधिकारी है तो मुख्यमंत्री उसे अपना मुख्य सचिव चुन सकता है. ऊपर बताए गए ज्यादातर मामलों में यही नियम लागू हुआ है.


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