Kartarpur Corridor:  करतारपुर साहिब यह स्थान सिख धर्म में एक पवित्र स्थान है. यहां गुरु नानकदेव जी ने अपने जीवन के अंतिम दिनों को बिताया था. इसलिए इसका महत्व सिख धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में से एक है. भारत समेत दुनियाभर से यहां लाखों सिख माथा टेकने हर साल आते हैं.


पाकिस्तान में सिख धर्म के दो प्रमुख स्थल हैं एक ननकाना साहिब, दूसरा करतारपुर. ननकाना साहिब लाहौर से करीब 75 किलोमीटर दूर स्थित है, वहीं करतारपुर साहिब भी लाहौर से 117 किलोमीटर दूर स्थित है. भारत से जो भी श्रृद्धालु पाकिस्तान जाते हैं वह पहले करतारपुर जाते हैं फिर ननकाना साहिब के दर्शन करते हैं. चलिए बताते हैं कि क्या पाकिस्तान में मौजूद करतारपुर साहिब जाने के लिए भी लगता है वीजा.


करतारपुर साहिब
करतारपुर साहिब पाकिस्तान के लाहौर से 117 किलोमीटर दूर नारोवाल जिले में स्थित है, अगर इसकी दूरी भारतीय सीमा से देखें तो यह भारतीय सीमा से महज 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. करतारपुर कॉरिडोर बनने से पहले यहां जाने के लिए काफी दूरी का रास्ता तय करना पड़ता था और वीजा लगता था. इस वीजा सिस्टम में लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था.


करतारपुर कॉरिडोर बनने के बाद यहां जाने के लिए वीजा की जरूरत नहीं पड़ती है. भारत और पाकिस्तान की सरकार के बीच एक समझौता हुआ है जिसको अब पांच साल के लिए बढ़ा दिया गया है. 24 अक्टूबर 2019 को पहली बार इसके लिए कॉरिडोर का समझौता किया गया था. इसके जरिए यहां जाने वाले श्रृद्धालु बिना किसी रोक-टोक के अपनी यात्रा करते हैं.


ये चीजें होती हैं जरूरी
करतारपुर कॉरिडोर वीजा फ्री है, लेकिन यहां जाने के लिए पाकिस्तान की तरफ से तीर्थयात्रियों को 20 अमेरिकी डॉलर का सेवा शुल्क लगाया जाता है, इसको हटाने के लिए कई बार आग्रह भी किया गया है लेकिन यह पाकिस्तान की तरफ से नहीं हटाया गया. हालांकि इसके लिए प्रूफ के तौर पर पासपोर्ट ले जाना जरूरी होता है. इमरान खान ने इसको हटाने के लिए वादा किया था लेकिन यह अभी तक चल रहा है.


यहां जाने से पहले करा लें रजिस्ट्रेशन


अगर आप करतारपुर जाने का प्लान बना रहे हैं तो सबसे पहले इसके लिए रजिस्ट्रेशन करवा लें. इसके लिए आपको https://prakashpurb550.mha.gov.in वेबसाइट पर जाना होगा. यह फार्म भरने और डॉक्यूमेंट अपलोड करने के बाद SMS/MAIL के जरिए आपको इलेक्ट्रॉनिक ट्रैवल ऑथोराइजेशन किया जाता है. यह सबसे जरूरी होता है.


इतने  श्रृद्धालु करते हैं रोज दर्शन
भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री द्वारा 9 नवंबर 2019 को इस कॉरिडोर का उद्घाटन किया गया था. बीच में कोरोना के चलते इसको बंद कर दिया गया था, 17 नवंबर 2021 को फिर एक बार इसकी शुरूआत की गई. रिपोर्ट के अनुसार पिछले 3 साल तथा 4 महीनों में इस कॉरिडोर के माध्यम से 3,44,000  श्रृद्धालुओं ने अबतक दर्शन किया है. वहीं, आधिकारिक डाटा के हिसाब से यहां करीब 400 श्रृद्धालु  हर दिन करतारपुर साहिब गुरुद्वारे का दर्शन करने आते हैं.भारत की तरफ से पाकिस्तान को 5000 श्रृद्धालुओं  को प्रतिदिन जाने के लिए अनुमति देने के लिए कहा गया है, जबकि स्पेशल डे पर इसकी संख्या 10,000 करने के लिए कहा गया है.लेकिन यह संख्या अभी इससे बहुत कम है.


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