एक्सप्लोरर

क्या है कच्चाथीवू द्वीप की कहानी, जिसका जिक्र पीएम मोदी ने किया, इंदिरा गांधी ने श्रीलंका को कर दिया था गिफ्ट

भारत और श्रीलंका के बीच कच्चाथीवू द्वीप हमेशा से विवाद का कारण रहा. 285 एकड़ में बसा ये द्वीप 17वीं सदी में मदुरई के राजा रामनद के जमींदारी के अधीन था.

अविश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए आज संसद में पीएम मोदी ने अपने भाषण में एक ऐसे जमीन के टुकड़े का जिक्र किया जो कभी भारत का हिस्सा हुआ करता था, लेकिन अब श्रीलंका का हिस्सा है. सबसे हैरानी की बात ये है कि इस टापू को श्रीलंका ने किसी युद्ध में नहीं जीता है, ना ही जबरन कब्जाया है... बल्कि इसे लेकर दावा किया जाता है कि साल 1974 में इंदिरा गांधी की सरकार ने इस द्वीप को श्रीलंका को गिफ्ट कर दिया था. चलिए आज इस आर्टिकल में हम आपको इस द्वीप का इतिहास और इसे श्रीलंका को देने की कहानी बताते हैं. लेकिन इससे पहले पढ़िए कि आज संसद में पीएम मोदी ने इसे लेकर क्या कहा?

पीएम मोदी ने कच्चाथीवू द्वीप को लेकर क्या कहा?

संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा, ''ये जो लोग बाहर गए हैं, उनसे पूछिए ये कच्चाथीवू द्वीप क्या है? और ये कच्चाथीवू कहां है? जरा उनसे पूछिए... इतनी बड़ी बड़ी बातें कर के देश को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं... और ये डीएमके वाले, उनकी सरकार, उनके मुख्यमंत्री मुझे आज भी चिट्ठी लिखते हैं कि मोदी जी कच्चाथीवू द्वीप को वापिस लाइए. ये कच्चाथीवू है क्या? किसने किया... तमिल नाडु से आगे श्रीलंका से पहले एक टापू, किसने किसी दूसरे देश को दिया था? कब दिया था? क्या ये भारत माता नहीं थी वहां. क्या वो मां भारती का अंग नहीं था. इसको भी आपने तोड़ा और कौन था उस समय. श्रीमती इंदिरा गांधी के नेतृत्व में हुआ था ये. कांग्रेस का इतिहास, मां भारती को छिन्न-भिन्न करना का रहा है.''

आखिर इस द्वीप की कहानी क्या है?

दरअसल, हिंद महासागर में भारत के दक्षिणी छोर पर और श्रीलंका के बीच में एक द्वीप स्थित है, जिस पर आज भी कोई नहीं रहता. लेकिन भारत और श्रीलंका के बीच ये द्वीप हमेशा से विवाद का कारण रहा. 285 एकड़ में बसा ये द्वीप 17वीं सदी में मदुरई के राजा रामनद के जमींदारी के अधीन था. लेकिन जब भारत में ब्रिटिश हुकूमत आई तो ये द्वीप मद्रास प्रेसेडेंसी के कंट्रोल में आ गया, यानी अंग्रेजों के अधीन हो गया. वहीं 1947 में जब भारत आजाद हुआ तो सरकारी दस्तावेजों में इसे भारत का हिस्सा बताया गया. हालांकि, उस वक्त भी श्रीलंका इस पर अपना अधिकार बताता रहा.

इस द्वीप का इस्तमाल मुख्य तौर पर दोनों देशों के मछुआरे किया करते थे, लेकिन सीमा उल्लघंन को लेकर भारत और श्रीलंका के बीच हमेशा तनाव बना रहता. फिर दौर आया 1974 का...दोनों देशों के बीच इसे लेकर बैठक शुरू हुई. इस बीच दो अहम बैठक हुई एक 26 जून को कोलंबो में और दूसरी 28 जून को दिल्ली में. इन दोनों बैठकों में फैसला किया गया कि कच्चाथीवू द्वीप को श्रीलंका को दिया जाएगा. इसके साथ ही समझौते में कुछ शर्तें रखी गईं जैसे- भारतीय मछुवारे अपना जाल सुखाने के लिए इस द्वीप पर जा सकेंगे. इसके साथ ही इस द्वीप पर बने चर्च में भारतीय लोग बिना वीज़ा के जा सकेंगे. हालांकि, इंदिरा गांधी की सरकार ने जब ये फैसला लिया था तो उस वक्त भी तमिल नाडु के तत्कालीन सीएम एम करूणानिधि ने केंद्र सरकार के इस फैसले पर ऐतराज जताया था.

कहानी यहीं खत्म नहीं होती

कहानी यहीं खत्म नहीं होती, साल 1976 में भारत और श्रीलंका के बीच समुद्री सीमा को लेकर एक और समझौता हुआ. इस समझौते में कहा गया कि भारतीय मछुवारे और मछली पकड़ने वाले जहाज श्रीलंका के एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन में नहीं जा सकते. इस समझौते ने कच्चाथीवू द्वीप विवाद को और भड़का दिया. तमिल नाडु का मछुवारा समुदाय इससे काफी ज्यादा खफा था. यही वजह थी कि आपातकाल के बाद 1991 में तमिल नाडु की विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें कच्चाथीवू द्वीप को भारत में वापिस मिलाने की बात कही गई.

इसके काफी समय बाद साल 2008 में एआईएडीएमके की नेता जयललिता ने इस मामले को सुप्रीम कोर्ट के सामने उठाया और तर्क दिया कि भारत सरकार बिना संविधान संसोधन के देश की जमीन किसी दूसरे देश को नहीं दे सकती. साल 2011 में जब वो सीएम बनीं तो विधानसभा में इसे लेकर एक प्रस्ताव भी पारित करवाया. वहीं साल 2014 में अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने इस मामले पर दलील देते हुए सरकार की ओर से कहा था कि कच्चाथीवू द्वीप एक समझौते के तहत श्रीलंका को दिया गया है और अब वो इंटरनेशनल बाउंड्री का हिस्सा है. उसे वापिस कैसे ले सकते हैं. अगर आप कच्चाथीवू द्वीप को वापिस लेना चाहते हैं तो इसके लिए आपको युद्ध लड़ना होगा.

ये भी पढ़ें: लोकसभा में विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव गिरा, पीएम मोदी ने कहा- 2028 में अच्छी तैयारी के साथ आना

और देखें
Advertisement
Advertisement
Thu Mar 13, 4:32 pm
नई दिल्ली
25.2°
बारिश: 0 mm    ह्यूमिडिटी: 48%   हवा: NNW 10 km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

होली पर हिंदुओं और सिखों के लिए पाकिस्तान ने किया ऐसा काम, सब कर रहे वाह-वाह
होली पर हिंदुओं और सिखों के लिए पाकिस्तान ने किया ऐसा काम, सब कर रहे वाह-वाह
रामदास अठावले का बड़ा बयान, 'औरंगजेब की कब्र को हटाने की जरूरत नहीं है क्योंकि हमने...'
क्या औरंगजेब की कब्र को हटा देना चाहिए? रामदास अठावले ने दो टूक में दिया जवाब
60 की उम्र में Aamir Khan ने कन्फर्म किया गौरी संग अपना रिश्ता, कहा- 'इस उम्र में शादी करना शोभा...'
60 के आमिर ने कन्फर्म किया गौरी संग रिश्ता, कहा- 'इस उम्र में शादी करना शोभा...'
पहचानो तो जानें, सिर पर पगड़ी और गले में गमछा; IPL 2025 से पहले इस अंदाज में होली खेलते दिखे विदेशी प्लेयर्स
पहचानो तो जानें, सिर पर पगड़ी और गले में गमछा; IPL 2025 से पहले इस अंदाज में होली खेलते दिखे विदेशी प्लेयर्स
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Sambhal का सच..होली है! ? । Holi Vs Juma । Sambhal Case । Yogi AdityanathChitra Tripathi Debate : होली पर क्यों मचा हंगामा? | Holi vs Juma Controversy | Sambhal MasjidJyotika & Shabana Azmi, Shibani Akhtar talk on Feminism, Writers on OTT, Theatre Work & Dabba CartelRavi Kishan talks on Holi Celebration, Pawan Singh Election Ticket & more

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
होली पर हिंदुओं और सिखों के लिए पाकिस्तान ने किया ऐसा काम, सब कर रहे वाह-वाह
होली पर हिंदुओं और सिखों के लिए पाकिस्तान ने किया ऐसा काम, सब कर रहे वाह-वाह
रामदास अठावले का बड़ा बयान, 'औरंगजेब की कब्र को हटाने की जरूरत नहीं है क्योंकि हमने...'
क्या औरंगजेब की कब्र को हटा देना चाहिए? रामदास अठावले ने दो टूक में दिया जवाब
60 की उम्र में Aamir Khan ने कन्फर्म किया गौरी संग अपना रिश्ता, कहा- 'इस उम्र में शादी करना शोभा...'
60 के आमिर ने कन्फर्म किया गौरी संग रिश्ता, कहा- 'इस उम्र में शादी करना शोभा...'
पहचानो तो जानें, सिर पर पगड़ी और गले में गमछा; IPL 2025 से पहले इस अंदाज में होली खेलते दिखे विदेशी प्लेयर्स
पहचानो तो जानें, सिर पर पगड़ी और गले में गमछा; IPL 2025 से पहले इस अंदाज में होली खेलते दिखे विदेशी प्लेयर्स
क्या पाकिस्तान की तरह बांग्लादेश भी हो जाएगा कंगाल? महंगाई से लेकर मंदी तक ने बढ़ाई यूनुस सरकार की टेंशन
क्या पाकिस्तान की तरह बांग्लादेश भी हो जाएगा कंगाल? महंगाई से लेकर मंदी तक ने बढ़ाई यूनुस सरकार की टेंशन
Holi 2025: मुगलों और अंग्रेजों के जमाने में कैसे मनाई जाती थी होली? जानें किन चीजों पर होती थी पाबंदी
मुगलों और अंग्रेजों के जमाने में कैसे मनाई जाती थी होली? जानें किन चीजों पर होती थी पाबंदी
18 राज्यों में आंधी-तूफान का अलर्ट, होगी बंपर बारिश! इराक-बांग्लादेश में चक्रवात बना वजह
18 राज्यों में आंधी-तूफान का अलर्ट, होगी बंपर बारिश! इराक-बांग्लादेश में चक्रवात बना वजह
15 मार्च को होली के कारण छूट गई बोर्ड परीक्षा तो न लें टेंशन, CBSE ने छात्रों को दी बड़ी राहत
15 मार्च को होली के कारण छूट गई बोर्ड परीक्षा तो न लें टेंशन, CBSE ने छात्रों को दी बड़ी राहत
Embed widget