दक्षिण भारत की गंगा कहलाती है ये नदी, लोग करते हैं पूजा, जानिए क्या है इसका नाम
दक्षिण की गंगा भारतीय सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है. यह नदी विभिन्न प्राकृतिक सौंदर्य स्थलों के साथ-साथ प्रशासनिक, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी रखती है.
भारत में करीब 200 प्रमुख नदियां हैं, जो हिमालय से निकलकर मैदानी इलाकों के रास्ते समुद्र में बहती हैं. इनमें से कुछ नदियां मध्य और दक्षिण भारत में से निकलकर अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में मिलती हैं. यहां तक कि कुछ नदियां पूर्वोत्तर भारत से होकर बंगाल की खाड़ी तक पहुंचती हैं. ये नदियां पीने के पानी और कृषि के लिए महत्वपूर्ण हैं और पारिस्थितिकी तंत्र के लिए अहम भूमिका निभाती हैं. नदियों के आसपास विभिन्न प्रकार के जीव-जंतुओं को आवास मिलता है जो जैविक विविधता को बढ़ावा देते हैं.
दक्षिण की गंगा
एक ऐसी नदी है जिसे "दक्षिण की गंगा" भी कहा जाता है. यह नदी पश्चिम घाट के कर्नाटक और तमिलनाडु राज्यों से होकर बहती है और अंततः पुडुचेरी के पास बंगाल की खाड़ी में मिलती है. यह नदी कई महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों से गुजरती है और उपनगरीय विकास का भी महत्वपूर्ण स्रोत है. इस नदी का प्रवाह भारतीय संगठन "नदी विकास प्राधिकरण" द्वारा नियंत्रित किया जाता है.
दक्षिण की गंगा नदी भारतीय सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है. यह नदी विभिन्न प्राकृतिक सौंदर्य स्थलों के साथ-साथ प्रशासनिक, धार्मिक और सांस्कृतिक उपक्रमों का भी महत्वपूर्ण हिस्सा है.
ये नदी है दक्षिण भारत की गंगा
जब हम दक्षिण भारत की गंगा की बात करते हैं तो वह कोई और नहीं बल्कि कावेरी नदी है. यह पश्चिमी घाट के ब्रह्मगिरि पर्वत से निकलकर तमिलनाडु और कर्नाटक से होकर बहने वाली नदी है. कावेरी नदी, कर्नाटक में समुद्र तल से 1341 मीटर की ऊंचाई से निकलने के बाद, कर्नाटक और तमिलनाडु से होकर बहती है और अंत में बंगाल की खाड़ी में गिर जाती है. अपने प्रवाह के दौरान, नदी लगभग 800 किलोमीटर की यात्रा तय करती है. यह नदी तमिलनाडु को दो भागों में विभाजित करती है
इस नदी को तमिलनाडु की सबसे बड़ी नदी भी कहा जाता है क्योंकि यह इस राज्य से होकर बहती है. इसके अलावा, यह राज्य को उत्तरी और दक्षिणी भागों में विभाजित करता है. गोदावरी और कृष्णा नदियों के बाद कावेरी नदी दक्षिण भारत की तीसरी सबसे बड़ी नदी है.
दक्षिण भारतीय नदी की पूजा करते हैं
कावेरी नदी विशेष रूप से दक्षिण भारत में महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व रखती है. स्थानीय लोग इसे कावेरी अम्मा (मां कावेरी) के रूप में पूजते हैं. इस नदी के किनारे कई धार्मिक स्थल स्थित हैं. इसके अलावा, इस नदी को भारत की सात पवित्र नदियों में से एक माना जाता है. इन्हीं कारणों से कावेरी नदी को दक्षिण भारत की गंगा भी कहा जाता है.
यह भी पढ़ें - 8 ऐसे रेलवे स्टेशन, जिनको ब्रिटिश शासन ने बनवाया... आज बढ़ा रहे देश की शान!