5 अगस्त 2024 की तारीख बांग्लादेश के इतिहास में दर्ज हो गई है. दरअसल, इसी दिन बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना की सरकार का वहां की सेना ने तख्तापलट कर दिया. शेख हसीना के लिए मूसिबतें इतनी ज्यादा बढ़ गईं कि उन्हें देश छोड़कर भागना पड़ा.


शेख हसीना के देश छोड़ते ही बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने आदेश दिया कि 17 साल से जेल में बंद बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को तुरंत रिहा किया जाए. चलिए आज इस आर्टिकल में आपको बताते हैं कि आखिर खालिदा जिया कौन हैं और क्यों उन्हें जेल में बंद किया गया था.


किस मामले में हुई थी खालिदा जिया को जेल


बांग्लादेश में खालिदा जिया और शेख हसीना दो ऐसी महिलाएं हैं जो बारी-बारी से सरकार में रही हैं. आज जिस तरह से शेख हसीना की सत्ता गई कुछ इसी तरह से खालिदा जिया को भी अपनी कुर्सी एक दौर में गंवानी पड़ी थी. साल 2001 से 2006 तक खालिदा जिया बांग्लादेश की पीएम थीं, लेकिन 2006 में देश की स्थिति बिगड़ गई और राजनीतिक हिंसा चरम पर पहुंच गई. स्थिति ये हो गई कि देश पर सेना का कंट्रोल हो गया.


इस दौरान खालिदा जिया और उनके 2 बेटों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे. बाद में जब 2009 में शेख हसीना की सरकार बनी तो उन्होंने फैसला कर लिया कि अब खालिदा जिया को वापिस सत्ता में नहीं आने देना है. इसके बाद आता है साल 2018, खालिदा जिया पर आरोप लगे कि उन्होंने अपने पति के नाम पर बने एक अनाथालय में धन का गबन किया है और फिर साल 2018 में ही भ्रष्टाचार के दो आरोपों में खालिदा जिया को 17 साल की सजा सुनाई गई.


कैसे गई थी खालिदा जिया की सरकार


साल था 1996 का. खालिदा जिया बांग्लादेश की पीएम थीं. लेकिन कुछ ही महीनों बाद एक आंदोलन की वजह से उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा. दरअसल, 15 फरवरी को 1996 में जब बांग्लादेश में चुनाव हुए तो शेख हसीना की पार्टी और विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि खालिदा जिया ने चुनाव में धांधली की है. विपक्ष ने इस चुनाव का बायकॉट किया और खालिदा जिया को उनके पद से हटाने के लिए देशभर में असहयोग आंदोलन शुरू कर दिया. ये आंदोलन इतना उग्र हुआ कि खालिदा जिया को अपने पद से इस्तीफा देना पड़. आपको बता दें, 1996 के इस चुनाव में खालिदा जिया की पार्टी बीएनपी को 300 में से 278 सीटें मिली थीं.


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