पतंग उड़ाने के लिए कितनी हवा की जरूरत, क्या तूफान में भी लड़ा सकते हैं पेंच?
मकर संक्रांति के दिन आसमान में रंग-बिरंगी पतंग देखकर हर किसी का मन खुश हो जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि पंतग उड़ाने के लिए कितनी हवा की जरूरत होती है.
देशभर में 14 जनवरी के दिन मकर संक्रांति का त्योहार बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है. खासकर उत्तर भारत में इसे खिचड़ी के नाम से जाता है. बता दें कि इस दिन कहीं खिचड़ी बनाई जाती है, तो कहीं चूड़ा-दही खाए जाते हैं. कई जगहों पर मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाना शुभ माना जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि पतंग उड़ान के लिए कितनी हवा की जरूरत होती है.
मकर संक्रांति के दिन उड़ाते हैं पतंग
मकर संक्रांति के दिन भारत के अधिकांश राज्यों में बच्चे और बड़े पतंग उड़ाते हैं. मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाना शुभ माना जाता है. मकर संक्रांति पर खिचड़ी, दही-चूड़ा के अलावा एक सबसे खास कार्यक्रम पतंग उड़ाना होता है. बता दें कि इस दिन पूरा आकाश रंग-बिरंगी पतंगों से भर जाता है, इन रंग-बिरंगी पतंगों को देखकर सभी का मन खुशी से झूम उठता है. लेकिन सवाल ये है कि पतंग उड़ान के लिए कितनी हवा की जरूरत होती है. आज हम आपको इसका जवाब देंगे.
कितनी हवा में उड़ता है पतंग
बता दें कि आसमान में अगर हवा नहीं होती है, तो पतंग को नहीं उड़ाया जा सकता है. इतना ही नहीं अगर हवा बहुत तेजी है, जैसे तूफान आता है, उसमें भी पतंग को उड़ाना और काटना मुश्किल होता है. दरअसल पतंग उड़ाने के लिए स्थिर हवा की गति 8 से 20 मील (13 से 32 किलोमीटर) प्रति घंटे की होनी चाहिए. वहीं अगर इससे कम हवा है, तो भी पतंग को ऊपर उठाना मुश्किल होता है. वहीं इससे ज्यादा 30 मील प्रति घंटे की हवा पतंग उड़ाने के लिए बहुत तेज़ हो सकती है.
खूब तेज हवा में क्यों नहीं उड़ती पतंग?
अगर आसमान में हवा की रफ्तार काफी तेज होगी, तो पतंग उड़ाना में मुश्किल आती है. दरअसल तेज हवा में पतंग तो तुरंत हवा में उड़ जाएगी. इतना ही नहीं अगर आपने कन्नी अच्छे से नहीं बांधी होगी, तो भी पतंग तेजी से उड़ सकती है. लेकिन तेज हवा में पतंग सिर्फ हवा के साथ आगे भागेगी, इस दौरान आप उसको नियंत्रित नहीं कर पाएंगे. इतना ही नहीं तेज हवा में आपक अपनी पतंक से दूसरी पतंग को भी नहीं काट सकते हैं. क्यों वो तेज हवा की रफ्तार आगे बढ़ती जाएगी, इस दौरान कई बार पतंग को वापस खींचने के समय पंतग फट जाती है। क्योंकि हवा उसके अपने साथ आगे की तरफ लेकर जा रही होती है.
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