इस अनोखी सड़क के बारे में नहीं जानते होंगे आप? हड्डियों से किया है निर्माण
Road From Bones: एक ऐसी सड़क जिसे बनाने में लाखों इंसानों की जान चली गई. आज भी उस सड़क पर मनुष्य के कंकाल मिलते हैं. आज की स्टोरी में हम उसके बारे में ही जानेंगे.
Road From Bones: आपने अब तक सुना होगा कि रोड बनाने के लिए चारकोल का इस्तेमाल होता है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसी सड़क के बारे में बताने वाले हैं, जिसे बनाने के लिए लाखों लोगों ने अपनी जान लगा दी थी. पिछले साल की बात है, जब रूस के इर्कुटस्क इलाके में स्थित एक सड़क पर एक बार फिर से इंसानी हड्डियां और कंकाल मिले. स्थानीय सांसद निकोलय त्रूफानोव (MP Nikolay Trufanov) ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सड़क पर हर तरफ बालू के साथ इंसानों की हड्डियां बिखरी पड़ी थी. सड़क के भीतर से निकली इंसानी हड्डियों के बाद स्थानीय पुलिस इस मामले की जांच कर रही है. कुछ लोगों का मानना था कि ठंड के मौसम में सड़क पर गाड़ियां नहीं फिसलें, इसके लिए इंसानी हड्डियों को बालू के साथ मिलाकर सड़क पर फैला दिया गया है.
10 लाख लोगों की गई थी जान
सड़क के निर्माण के लिए करीब 2 लाख से 10 लाख लोगों ने अपनी जान की बाज़ी लगाई थी. यह सड़क पश्चिमी निज्नेबेस्टयाख को पूर्वी मगडान से जोड़ती है और इसे "हाइवे" कहा जाता है. एक समय था जब कोल्यमा तक सिर्फ समुंदर या एयरवे से पहुंचा जा सकता था. हालांकि, 1930 के दशक में सोवियत संघ के स्टालिन के शासनकाल में इस हाइवे के निर्माण का आरंभ हुआ. इस दौरान सेववोस्तलाग मजदूर शिविर (Sevvostalag labor camp) के कैदियों और बंधुआ मजदूरों की मदद से 1932 में इस काम की शुरुआत हुई.
कैदियों की ली गई थी मदद
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस हाईवे के निर्माण में गुलाग के 10 लाख कैदियों और बंधुआ मजदूरों का सहयोग था. इन कैदियों में साधारण अपराधियों के साथ-साथ राजनीतिक अपराधी भी शामिल थे. कुछ कैदी ऐसे भी थे जो सोवियत संघ के वैज्ञानिक थे, और इनमें से एक रॉकेट वैज्ञानिक सर्गेई कोरोलेव (Sergei Korolev) भी थे. उन्होंने 1961 में रूस को अंतरिक्ष में पहले मानव यात्री को भेजने में मदद की. इन कैदियों में महान कवि वरलम शलमोव भी शामिल थे, जिन्होंने कोल्यमा कैंप में 15 वर्षों तक कारावास बिताया.
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