अक्सर सोशल मीडिया पर यह फैक्ट शेयर किया जाता है कि पहले भारत एक अखंड भारत था और उसके कई बार टुकड़े हुए. कहा जाता है कि भारत के आसपास के क्षेत्र में जितने भी देश थे, वो हमेशा से भारत के हिस्से थे. लेकिन भारत को कई बार अलग-अलग टुकड़ों में बांट दिया गया और बांग्लादेश बनने तक ये सिलसिला जारी रहा. वहीं, कई रिपोर्ट्स का कहना है कि जिन देशों को भारत का हिस्सा माना जाता है कि वो भारत के कंट्रोल में नहीं रहे, ऐसे में इन देशों को भारत का हिस्सा नहीं माना जा सकता है.
ऐसे में आज ये जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर कौन-कौन से देश भारत का हिस्सा रहे हैं और जिन देशों को भारत का हिस्सा बताया जाता है, उनके पीछे क्या कहानी है. तो जानते हैं कि आखिर भारत का कितने बार विभाजन हुआ है...
पाकिस्तान- अगर भारत से अलग होने वाले देशों की बात करें तो सबसे पहले नाम पाकिस्तान का आता है. आज भले ही पाकिस्तान से भारत के रिश्ते ठीक नहीं है, लेकिन एक समय में यह भारत का हिस्सा था. 15 अगस्त 1947 को धर्म के नाम पर बंटवारा हुआ और भारत-पाकिस्तान अलग-अलग देश बने.
बांग्लादेश- आज का जो बांग्लादेश है, वो भी एक समय में भारत का ही हिस्सा था. आजादी के दौरान इस क्षेत्र को पूर्वी पाकिस्तान के नाम से जाना जाता है, लेकिन 1971 में हुए युद्ध में ये सेना ने बांग्लादेश को अलग कर दिया. इससे बांग्लादेश ने पाकिस्तान से अलग होकर अलग देश का रुप ले लिया. बांग्लादेश के अलग देश बनाने में भारत की अहम भूमिका रही थी.
ये वो देश हैं, जो पूरी तरह से भारत के अधीन थे और ब्रिटिश इंडिया के अंडर भी आते थे. इन देशों का बंटवारा हुआ और उसके बाद ये दोनों अलग-अलग देश बने. लेकिन भारत के कई पड़ोसी देश के लिए भी कहा जाता है कि वो भारत के हिस्सा थे और ब्रिटिश सरकार ने इन क्षेत्रों के बीच बॉर्डर लाइन खींच दी थी. कई रिपोर्ट्स ऐसा दावा करती हैं कि ये देश सीधे भारत का हिस्सा नहीं थे और ये क्षेत्र भारते अधीन नहीं रहे.
बर्मा
पहले ब्रिटिश लोगों की नजर बर्मा पर थी, लेकिन प्रारंभ में, ब्रिटिश और बर्मी लोगों के बीच काफी बड़ा आंदोलन हुआ और ब्रिटिश सामानों को बड़े स्तर पर बहिष्कार हुआ. कहा जाता है कि बर्मा में हो रहे बड़े स्तर को कम करने के लिए अंग्रेजों ने बर्मा को भारत से अलग कर दिया. साल 1937 से पहले अंग्रेज उस पर अधिकार जमाने थे, फिर अंग्रेजों ने उनके आंदोलन को कमजोर करने के लिए 1937 में उसे भारत से अलग देश बना दिया.
अफगानिस्तान
ऐसे ही कहा जाता है कि पहले अफगानिस्ता भी भारत का हिस्सा था. दरअसल, अफगानिस्तान पाकिस्तान से सीमा शेयर करता है. जब अफगानिस्तान अलग हुआ, उस वक्त भी भारत ब्रिटिश शासन था और भारत-पाकिस्तान ब्रिटिश इंडिया था. उस दौरान ये सीमा अफगानिस्ताने से जुड़ती थी. फिर साल 1983 में 12 नवंबर को अफगानिस्तान के शासक और ब्रिटिश इंडिया के बीच एक बार एग्रीमेंट हुआ और देनों देशों के बीच एक बॉर्डर बना जिसे ही दुरांद कहा जाता है.
नेपाल
कई लोगों का कहना है कि नेपाल भी भारत का हिस्सा था. मगर एक्सपर्ट का कहना है कि ऐसा कभी नहीं हुआ. नेपाल कभी भी भारत और कोई भी कोनिइनल पावर के अधीन नहीं रहा है.
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