मॉडल और एक्ट्रेस पूनम पांडे का सर्वाइकल कैंसर से निधन हो गया है. उनकी मौत के बाद लगातार सोशल मीडिया पर सर्वाइकल कैंसर को लेकर चर्चा जारी है. वहीं ऐसे बहुत से लोग हैं, जो सवाईकल कैंसर के बारे में नहीं जानते हैं. आज हम आपको बताएंगे कि महिलाओं के लिए सर्वाइकल कैंसर कितनी गंभीर बीमारी है और भारत में सर्वाइकल कैंसर के कितने पेशेंट हैं.
क्या कहता है आंकड़ा ?
सवाईकल कैंसर पूरी दुनिया में एक गंभीर बीमारी है. वहीं भारत में भी सवाईकल कैंसर के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं. आंकड़ों की बात करें तो सिर्फ 2022 में भारत में 1 लाख 23 हजार 907 सर्वाइकल कैंसर के मामले सामने आए थे. जिसमें 77 हजार 348 महिलाओं की इस बीमारी से जान जा चुकी है. दुनिया में होने वाले हर 5 सर्वाइकल कैंसर के मरीजों में से एक भारत में हैं और पूरे एशिया में भारत में सबसे ज्यादा महिलाऐं इस बीमारी की चपेट में हैं. लांसेट की स्टडी के मुताबिक चीन का नंबर भारत के बाद आता है. इसके अलावा दुनियाभर में 2022 में सर्वाइकल कैंसर के कुल 6 लाख 4 हजार 127 मामले दर्ज हुए जिनमें से तकरीबन 21 प्रतिशत केस भारत के थे.
इस बीमारी का मुख्य कारण क्या ?
सर्वाइकल कैंसर को अगर आसान भाषा में समझाए तो ये बीमारी ज्यादातर सेक्सुअल इंटरकोर्स की वजह से फैलता है. यह कैंसर कोख या गर्भाशय के निचले हिस्से जिसे सर्विक्स कहते हैं, उसकी ऊपरी सेल्स को प्रभावित करता है. ये सर्विक्स ऊपर कोख से तो नीचे सीधा वजाइना से जुड़ा होता है, जिसकी वजह से सबसे ज्यादा खतरा सेक्सुअल इंटरकोर्स के माध्यम से इसे होता है. इस कैंसर के लिए एचपीवी या ह्यूमन पेपिलोमा वायरस जिम्मेदार है. जो सेक्स के दौरान एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से दाखिल हो जाते हैं. जिसके बाद ये वायरस धीरे-धीरे फैलने लगता है.
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महिलाओं में दूसरी सबसे खतरनाक बीमारी
वहीं इस वायरस की गिरफ्त में आने के बाद मरीज में कैंसर के लक्षण विकसित होने में कई साल लग जाते हैं. यही कारण है कि व्यक्ति को नहीं पता चलता है कि ये बीमारी कब से है. वहीं ब्रेस्ट कैंसर के बाद सर्वाइकल कैंसर भारत की महिलाओं में दूसरी सबसे खतरनाक बीमारी है, जो ज्यादातर 40 से 60 साल की महिलाओं को हो रही है. हालांकि इस बार सरकार ने अपने बजट में सर्वाइकल कैंसर की मुफ्त वैक्सीन की घोषणा की है.