आज अगर पृथ्वी पर ऑक्सीजन (Oxygen) ना हो तो इंसान की तुरंत मौत हो जाए. बिना ऑक्सीजन के जीवन कहीं संभव ही नहीं है. हालांकि, पृथ्वी पर ऑक्सीजन हमेशा से मौजूद नहीं थी. बल्कि पृथ्वी के निर्माण के काफी समय बाद कुछ घटनाओं की वजह से धरती के वातावरण में ऑक्सीजन का बनना शुरू हुआ. चलिए जानते हैं कि आखिर वो घटना क्या थी, जिसकी वजह से पृथ्वी पर प्राणवायु का जन्म हुआ. इसके साथ ही ये भी जानेंगे कि अब पृथ्वी पर किन वजहों से ऑक्सीजन का निर्माण होता है. और ये ऑक्सीजेनिक और एनोक्सीजेनिक प्रक्रिया क्या है.
रिसर्च पर एक नजर
कुछ वर्षों पहले ब्रिटेन के इंपीरियल कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने एक रिसर्च किया, जिसमें दावा किया गया कि आज से करीब 3.6 अरब साल पहले पृथ्वी पर पहली बार ऑक्सीजन का निर्माण शुरू हुआ. हालांकि, अब तक वैज्ञानिक मान रहे थे कि पृथ्वी पर ऑक्सीजन का निर्माण साइनोबैक्टीरिया कर रहे थे. लेकिन नए रिसर्च के मुताबिक, पृथ्वी पर इन सूक्ष्म जीवों की मौजूदगी से करीब एक अरब साल पहले ही हमारी पृथ्वी पर ऑक्सीजन बनना शुरू हो गई थी. वैज्ञानिक ऐसा इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि उनका मानना है कि ऑक्सीजन पहले से ही थी, तभी इन सूक्ष्म जीवों की अलग अलग प्रजातियां लगातार विकसित हो रही थीं.
अभी कैसे बन रही ऑक्सीजन
धरती पर ऑक्सीजन फिलहाल एक ही तरीके से बनती है. वो माध्यम है प्रकाश-संश्लेषण. हालांकि, प्रकाश-संश्लेषण भी दो प्रकार से होता है. पहला ऑक्सीजेनिक और दूसरा एनोक्सीजेनिक. ऑक्सीजेनिक प्रक्रिया यानी, प्रकाश ऊर्जा की मदद से पानी के अणुओं को तोड़ता है जिससे ऑक्सीजन उत्सर्जित होती है. वहीं एनोक्सीजेनिक प्रक्रिया के दौरान ऑक्सीजन के निर्माण के लिए पानी के अणुओं की जगह हाइड्रोजन सल्फाइड, आयरन आदि का इस्तेमाल होता है. वैज्ञनिक मानते हैं कि पृथ्वी पर पहली बार ऑक्सीजन इसी प्रक्रिया के तहत बनी थी.
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