इस्लाम धर्म की सबसे बड़ी तीर्थ यात्रा को हज कहा जाता है. हर साल सऊदी अरब के शहर मक्का में दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक जमावड़ा लगता है. इस्लाम धर्म के अनुसार हर मुस्लिम के लिए जीवन में एक बार हज की यात्रा करणा जरूरी होता है. भारत से भी हर साल कई मुस्लिम इस धार्मिक यात्रा पर जाते हैं. कुछ अपने व्यय पर जाते हैं तो वहीं कई जगह सरकारें भी इस यात्रा के लिए धार्मिक यात्रियों का खर्चा वहन करती हैं. इस साल फिर से हज यात्रा के लिए आवेदन मांगे जाने शुरू हो चुके हैं. कैसे भरें हज यात्रा का फॉर्म और कौनसी गलतियों से बचना है. आइए जानते हैं. 


4 दिसंबर से शुरू हो चुकी है आवेदन की प्रक्रिया 


हर साल भारत से लाखों की संख्या में तीर्थ यात्री हज यात्रा पर जाते हैं। हज यात्रा पर जाने वाले यात्रियों को एक आवेदन प्रक्रिया के तहत गुजरना होता है. जिसके सफल होने के बाद उन्हें हज यात्रा पर जाने की अनुमति मिलती है। इस साल केंद्रीय हज कमेटी ने 4 दिसंबर से इस प्रक्रिया को शुरू कर दिया है। 16 दिन तक ये प्रक्रिया चलेगी 20 दिसंबर तक ही आवेदन स्वीकार किए जाएंगे। इसकी प्रोसेसिंग शुल्क 300 रुपए है जो चयनित यात्रियों को जमा करनी होगी. 


हज पासपोर्ट होना है जरूरी 


सऊदी अरब जाकर हज यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए हज पासपोर्ट का होना अनिवार्य है. केंद्रीय हज कमेटी ने पहले ही इस बात की जानकारी दे दी थी. बता दें कि हज पासपोर्ट सऊदी अरब में धार्मिक यात्रा करने के लिए खास तौर बार बनाया गया है. सिर्फ हज यात्रा के दौरान ही इस पासपोर्ट का इस्तेमाल किया जा सकता है. जिनके पास ये पासपोर्ट नहीं होगा वो यात्रा नहीं कर पाएंगे। 


अप्लाई करना होगा हज वीजा 


जो भी धार्मिक यात्री हज की यात्रा पर जाना चाहते हैं वो सिर्फ सऊदी अरब के वीजा पर इस यात्रा को नहीं कर पाएंगे. उन्हें हज यात्रा पर जाने के लिए हज वीजा के लिए अप्लाई करना होगा. हज वीजा सिरेफ़ मक्का और मदीना के लिए ही वैध होता है. इस वीजा से अन्य जगह यात्रा नहीं की जा सकती है। बाकी की जानकारी के लिए आप केंद्रीय हज कमेटी की आधिकारिक वेबसाईट पर जा सकते हैं.