भारतीयों के लिए देसी घी एक पवित्र चीज है. इसका इस्तेमाल पूजा पाठ और व्रत में ज्यादातर किया जाता है. जब भी कोई ऐसी चीज बनानी होती है जिसका भोग भगवान को लगाया जाना होता है तो उसे देसी घी से बनाया जाता है. इसके साथ ही इसे स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक माना जाता है. आयूर्वेद में देसी घी को सभी प्रकार के घी और तेलों में उत्तम बताया गया है. कुछ लोग तो देसी घी को भगवान का भोजन कहते हैं, ऐसा इसलिए क्योंकि उनका मानना है कि ईश्वर सिर्फ इसे ही ग्रहण करते हैं. शायद मंदिरों में इसीलिए देसी घी का ही दिया जलाया जाता है. हां, लेकिन इसमें इस बात का विशेष ध्यान रखा जाता है कि ये देसी घी गाय के दूध से बना हो.
देसी घी का बाजार कितना बड़ा है
देसी घी हर उस जगह खाया जाता है जहां भारतीय होते हैं. पूरी दुनिया में आपको देसी घी मिल जाएगा. अब तो ऑनलाइन और ई-कॉमर्स वेबसाइटों की वजह से देसी घी पूरी दुनिया में अपनी पहुंच बना रहा है. एक्सपर्ट मार्केट रिसर्च की एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2020 तक पूरी दुनिया में देसी घी का मार्केट 6.1 मिलियन टन था. यानी करीब 61 लाख टन. वहीं अनुमान है कि 2023 से 2028 के बीच देसी घी का बाजार पूरी दुनिया में 4.3 फीसदी और बढ़ जाएगा जो दुनियाभर में घी की खपत को लगभग 78 लाख टन तक पहुंचा देगा.
भारत के अलावा कहां है सबसे ज्यादा खपत
रिपोर्ट की मानें तो भारत के बाद पूरी दुनिया में देसी घी का सबसे ज्यादा इस्तेमाल नॉर्थ अमेरिका, लैटिन अमेरिका, यूरोप, मिडिल ईस्ट, अफ्रिका और एशिया पैसिफिक में होता है. वहीं दुनियाभर के बाजार को कवर करने वाली मुख्य रूप से देसी घी की कंपनियां हैं- गुजरात कोआपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड जिसे आप अमूल के नाम से जानते हैं. इसके बाद है ब्रिटानिया इंडस्ट्री, मिल्कफूड लिमिटेड और नेस्ले हैं. इसके साथ ही कई और छोटी छोटी कंपनियां हैं जो बाजार में जम कर अपना देसी घी लोगों को बेच रही हैं.
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