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CAPF, NDRF की तैनाती को लेकर क्या हैं नियम और केंद्र सरकार इन्हें कैसे देती है पैसे?

देश के किसी भी कोने में जब भी कोई परेशानी आती है तो सुरक्षा बल और एनडीआरएप के जवान मदद के लिए हमेशा आगे आ जाते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि इन्हें पैसे देता कौन है और इनकी तैनाती कैसे होती है?

केरल में हुए भूस्खलन के बाद CAPF और NDRF की टीमें बचाव कार्य में जुटी हुई हैं. देश में किसी तरह की प्राकृतिक आपदा हो या फिर लॉ एंड ऑर्डर की परेशानी, हर जगह सरकार CAPF और NDRF को तैनात कर देती है. ये जवान अपने एक्शन से स्थिति को कंट्रोल करने के लिए जाने जाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इनकी तैनाती को लेकर आखिर नियम क्या हैं और सरकार इन्हें कैसे और कितने पैसे देती है?

एनडीआरएफ कैसे लेती है पैसे?

जब भी किसी प्राकृतिक आपदा में एनडीआरएफ को बुलाया जाता है तो उसके लिए केंद्र सरकार को राज्य सरकारों को पैसे देने होते हैं, लेकिन हैरानी की बात ये है कि आपदा में काम करने के लिए एनडीआरएफ कोई पैसे लेता ही नहीं है. एनडीआरएफ के डीआईजी एसएस गुलरिया ने इंडिया टुडे ग्रुप से हुई बातचीत में ये खुलासा किया कि राज्य सरकारों को एनडीआरएफ को पैसे देने होते हैं, लेकिन एनडीआरएफ ने कभी पैसे लिए ही नहीं हैं. उन्होंने ये भी बताया कि एनडीआरएफ को कितने पैसे देने होते हैं इसका निर्णय गृह मंत्रालय स्तर पर लिया जाता है. साथ ही ये इसपर भी निर्भर करता है कि एनडीआरएफ कितने दिन काम करता है.

तैनाती को लेकर क्या है नियम?

कई जगहों पर हमेशा राज्य सरकार सुरक्षा बलों की तैनाती रखती है, जिनमें एयरपोर्ट जैसी जगहें शामिल हं. इसके अलावा कई बार लॉ एंड ऑर्डर मेंटेन करने के लिए या फिर किसी परेशानी में भी सुरक्ष बल की मदद लेनी होती है. उस स्थिति में उनकी तैनाती के हिसाब से केंद्र सरकार राज्य सरकार को पैसे देती है.

ये पैसे किसी भी कंपनी या बटालियन की तैनाती पर निर्भर करते हैं, यदि कंपनी लंबे समय से राज्य में सुरक्षा बलों की तैनाती किए हुए हैं तो उसके लिए एक अमाउंट फिक्स कर दिया जाता है और उनके पैसे राज्य सरकारों को देने होते हैं. वहीं यदि कुछ दिनों के लिए तैनाती की जाती है तो दिन, जवानों की संख्या के हिसाब से पैसे तय होते हैं. ये पैसे गृह मंत्रालय की ओर से तय किए जाते हैं.

2024 में राज्यों को केंद्र सरकार कितना देगी चार्ज?

बता दें कि सुरक्षा बल की एक कंपनी में लगभग 100 जवान होते हैं. वहीं केंद्र सरकार को फिलहाल राज्यों को काफी पैसा देना है. रिपोर्ट्स की मानें तो गृह मंत्रालय को राज्यों को अक्टूबर 2021 तक 63,156 करोड़ रुपये लेना था जो एक राज्य के बजट से भी ज्यादा है. फिलहाल इस साल की बात करें तो साल 2023-24 के लिए केंद्र सरकार को राज्यों को 22.30 करोड़ रुपये देने हैं.

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