कंक्रीट और सीमेंट की सड़क में क्या अंतर होता है
आप कंक्रीट की सड़कों पर और डामर की सड़कों पर खूब चले होंगे. लेकिन आपको पता है. दोनों सड़कों में क्या अंतर होता है. किस तरह बनाई जाती है दोनों सड़कें. चलिए जानते हैं.
Road Types: एक समय में चलने के लिए सड़के नहीं हुआ करती थी. लोग एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए जाने के लिए पहाड़ों के बीच कच्चे रास्तों से चलकर जाते थे. लेकिन धीमे-धीमे जैसे आधुनिकता बढ़ी वैसे-वेसे हर चीज में आधुनिकता आई. चलने के लिए सड़कों का निर्माण हुआ. तरह-तरह की सड़के बनने लगीं. आपको अपने आस पास कांक्रीट की सड़के और डामर की सड़के खूब दिखाई देती होंगी. चलिए जानते हैं क्या होता है कांक्रीट और डामन से बनी इन दोनों सड़को में अंतर.
कंक्रीट की सड़क
कंक्रीट की सड़कों को सीसी यानी कि सीमेंट कंक्रीट भी कहा जाता है. कंक्रीट बनाने के लिए उसमें सीमेंट रेट पानी से मिश्रण तैयार किया जाता है. मिश्रण बनाने के लिए सीमेंट रेट और पानी को एक मशीन में डालकर तैयार किया जाता है. जिसे कंक्रीट कहा जाता है. इसके बाद बनी हुई कंक्रीट को बैचिंग प्लांट्स के जरिए बन रही सड़क तक पहुंचाया जाता है. फिर सड़क पर जरूरत के अनुसार खुदाई की जाती है
जिसमें सीमेंट कंक्रीट का बनाया गया बेस भरा जाता है. जिसे सड़क की फाउंडेशन कहते हैं. इसके बाद उसे समतल बनाने के लिए एक रोलर का इस्तेमाल किया जाता है. फिर उसे सेट होने के लिए छोड़ दिया जाता है. कंक्रीट से बनी हुई सड़कों की अवधि लगभग 40 साल तक की होती है.
डामर से बनी सड़क
डामर एक पेट्रोलियम पदार्थ होता है. डाबर बनाने के लिए एक ठोस कोयले को एयर टाइट कंटेनर में काफी देर तक 450 डिग्री तापमान पर पिघलाया जाता है. जब इस प्रक्रिया से गैस और बाप का एक मिश्रण निकलता है. तब यह कोयला एक चिपचिपा पदार्थ बन जाता है. जिसे सड़क पर फैलाकर मशीनों द्वारा रोड बनाने का कार्य किया जाता है. रोलर से उसे सेट किया जाता है और बाकी जगहों को समतल किया जाता है. डामर से अपनी सड़कों की उम्र 10 से 15 साल होती है.
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