Tube Tyres & Tubeless Tyres: सड़कों पर रोजाना लाखों गाड़ियां दौड़ती है. नई-नई टेक्नोलॉजी के चलते अब गाड़ियां चलाना काफी आसान हो  गया है. न सिर्फ उनके अंदर की सुविधा बड़ी है बल्कि गाड़ियों के टायरों के लिए भी नई टेक्निक आ गई है.  सामान्य तौर पर गाड़ियों में दो तरह के टायर लगे होते हैं. एक तो  ट्यूब टायर और एक ट्यूबलेस टायर. अब अमूमन सभी गाड़ियों में ट्यूबलेस टायर लगे होते हैं. तो वहीं कुछ लोग गाड़ियों में ट्यूब टायर पसंद करते हैं. यह टायर बाइक और कार दोनों में ही लगे होते हैं. कुछ लोगों को ट्यूबलेस टायर और ट्यूब टायर में ज्यादा फर्क नहीं मालूम होता. चलिए जानते हैं दोनों टायरों में क्या फर्क होता है. 


ट्यूब टायर और ट्यूबलेस टायर कैसे होते हैं?


ट्यूब टायर में टायर के साथ एक ट्यूब होता है. जिसमें हवा भरी होती है. यह सॉफ्ट कंपाउंड का होता है. जिस हवा भरने के बाद यह हार्ड हो जाता है. टायर और ट्यूब आपस में जुड़े नहीं होते. टायर के अंदर ट्यूब रखा जाता है. जिसके चलते दोनों के बीच बॉन्डिंग एयर टाइट नहीं होती. तो वहीं अगर ट्यूबलेस टायर की बात की जाए. तो यह बिना ट्यूब के काम करता है. इसमें हवा सीधे टायर में भरी जाती है. यानी कि जो  अल्युमिनियम रिम होती है. टायर सीधा उससे जुड़ा होता है दोनों के बीच की बॉन्डिंग टाइट होती है. 


क्या होता है दोनों में फर्क?


ट्यूब टायर और ट्यूबलेस टायर की बात की जाए तो दोनों के इस्तेमाल में काफी फर्क होता है. जहां ट्यूब टायर को पंचर होने पर आसानी से जुडा जा सकता है इसमें ज्यादा खर्चा नहीं आता. और अच्छी ग्रिप बन जाती है. लेकिन वही ट्यूबलेस टायर की बात की जाए तो उसमें पंचर होने की समस्या बहुत कम होती है. यह लंबे समय तक चलता है. अगर यह पंचर हो भी जाता है. तो उसकी हवा बेहद धीरे-धीरे निकलती है. जिससे आपको यात्रा पूरी करने का मौका मिल जाता है. यह गाड़ी को भी काफी हल्का भी रखता है. अगर दोनों के खर्चे की बात की जाए तो वह लगभग समान ही हैं. 


यह भी पढ़ें: दुनिया के कितने देशों में लागू है वन नेशन वन इलेक्शन, इससे भारत में कितनी बदल जाएगी चुनाव प्रक्रिया