![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/Premium-ad-Icon.png)
अगर सेना के जवान पुल पर मार्च करें तो क्या ब्रिज गिर जाएगा? पढ़िए इसका कारण
Army March On Bridge: क्या आप जानते हैं सेना के जवानों को किसी भी ब्रिज पर आर्मी मार्च करने की इजाजत नहीं होती है. इसके पीछे का कारण है विज्ञान, जो बताता है कि इससे पुल गिर भी सकता है.
![अगर सेना के जवान पुल पर मार्च करें तो क्या ब्रिज गिर जाएगा? पढ़िए इसका कारण Know Why army Soldiers are not allowed to march to Suspension Bridges Read Here Reason Behind This अगर सेना के जवान पुल पर मार्च करें तो क्या ब्रिज गिर जाएगा? पढ़िए इसका कारण](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/11/11/d4ba36bbe368fc330ed7f7d3c42cb5b91668134331084600_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
जब सेना के जवान मार्च करते हैं तो उनके एक साथ हाथ उठते हैं और एक लय में ही जमीन पर पांव पड़ते हैं. उस वक्त मार्च तो कई जवान साथ में करते हैं, लेकिन लगता है कि एक मशीन आगे बढ़ रही है. आपने भी वीडियो में या हकीकत में जब उन्हें मार्च करते देखा होगा तो आपको लगता होगा कि वो किस तरह से एक रिदम में काम करते हैं. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि सेना के इन जवानों को ये टैलेंट ब्रिज पर दिखाने के लिए मना किया जाता है. यानी सेना के जवानों को ब्रिज पर मार्च नहीं करने दिया जाता है. अब सवाल है कि आखिर ऐसा क्यों है और किस वजह से सेना के जवानों को मार्च के लिए मना किया जाता है.
दरअसल, कहा जाता है कि अगर सेना के जवान किसी पुल पर मार्च करते हैं तो उस पुल के गिरने की संभावना रहती है. जी हां, जब आर्मी के जवान एक साथ पुल पर पांव मारते हैं तो ऐसी स्थिति बनती है कि पुल गिर जाता है. खास बात ये है कि ऐसा एक बार हो भी चुका है, जिसके बाद सेना के जवानों को पुल पर मार्च करने के लिए मना किया जाता है. हालांकि, इसे लेकर कोई आधिकारिक ऑर्डर नहीं है. तो जानते हैं ये कब हुआ था और इसके पीछे का क्या विज्ञान है...
ये बात साल 1831 की है, जब 12 अप्रैल 1831 को इंग्लैंड के सैलफोर्ड के पास ब्रॉटन सस्पेंशन ब्रिज पर 74 सैनिक मार्च कर रहे थे. ये पुल इससे कुछ साल पहले यानी साल 1826 में ही बनाया गया था और उस वक्त ये पुल यूरोप में बनाए गए कुछ चुनिंदा संस्पेशन पुल में से एक था. लेकिन, सेना के जवानों ने इस पर मार्च किया तो ये पुल कुछ ही देर में गिर गया. उस दौरान इतना ज्यादा वाइब्रेशन पैदा हुआ कि पुल कुछ ही देर में गिर गया. हालांकि, मार्च में शामिल किसी भी सैनिक को कुछ भी नहीं हुआ और केवल कुछ सैनिक घायल हुए. इसके बाद से सेना के जवानों को पुल पर मार्च ना करने के लिए कहा गया.
ऐसा क्यों होता है?
दरअसल, जो भी पुल और बिल्डिंग होती हैं, वो दिखने में सॉलिड होते हैं, लेकिन उनके अंदर कंपन की आवृति होती है. जब किसी आकृति की नैचुरल फ्रिक्वेंस के समान ही दूसरा बल लगाया जाता है तो इससे उस आकृति में वाइब्रेशन होता है. इसे मैकेनिकल रेसोनेंस कहा जाता है. ऐसे में जब सैनिक हैंगिंग या सस्पेंशन ब्रिज पर मार्च करते हैं तो इस स्थिति में रेसोनेंस की स्थिति पैदा होती है और यह ज्यादा होने पर ब्रिज गिर भी सकता है. ऐसे में इसे अवॉइड करने के लिए ब्रिज पर मार्च करने के लिए मना किया जाता है. वैसे पुल से काफी लोग आते-जाते हैं, लेकिन कुछ नहीं होता. इस स्थिति में सब अलग-अलग टाइम पर कदम रखते हैं. और उनके फोर्स कैंसिल हो जाते हैं. लेकिन जवानों के केस में ऐसा नहीं होता.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![राहुल लाल, राजनीतिक विश्लेषक](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/4b309f9307dd328413c5218f2b10afc3.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)