Ram Navami Ram Lala Surya Tilak: आज यानी 17 अप्रैल को पूरे देश में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ रामनवमी का त्यौहार मनाया जा रहा है. इस दिन को भगवान राम के जन्मदिन के तौर पर मनाया जाता है. हिंदू धर्म में इस दिन का खास महत्व होता है. सभी लोग भगवान राम के मंदिर जाकर पूजा अर्चना करते हैं.
रामनवमी के दिन अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर में रामलला की मूर्ति पर विशेष तौर पर सूर्य तिलक भी किया गया है. खास तकनीक की मदद से इस प्रक्रिया को पूरा किया गया है. इस बीच कई लोगों के मन में सवाल आ रहा है. अगर सूर्य तिलक रामनवमी के दिन हो सकता है. तो साल के बाकी दिन क्यों नहीं किया जाता. चलिए जानते है इसका कारण.
राम मंदिर में क्यों नहीं हो सकता है रोजाना सूर्य तिलक ?
भगवान राम का सूर्य देव से बेहद गहरा संबंध है. उनके जन्म से सूर्य देव का विशेष महत्व. रामायण में भी इस बात का जिक्र है. महर्षि वाल्मीकि द्वारा लिखी गई रामायण का हिंदी अनुवाद गोस्वामी तुलसीदास जी ने किया है. जिसे दुनिया रामचरितमानस के नाम से जानते हैं. रामचरितमानस में सूर्य देव का भगवान राम से जो लगाव है उसका वर्णन किया गया है. कथाओं में जिक्र है भगवान राम सूर्यवंशी थे यानी सूर्य देवता उनके कुल देवता थे. रामचरितमानस की चौपाई में गोस्वामी तुलसीदास जी ने लिखा है."मास दिवस कर दिवस भा मरम न जानइ कोइ।रथ समेत रबि थाकेउ निसा कवन बिधि होइ।''
इसका अर्थ है जब भगवान राम का जन्म हुआ था. तो सूर्य देव काफी प्रसन्न हुए थे और वह अपने रथ के साथ अयोध्या पहुंचे थे. यहां वह पूरे 1 महीने रुक गए थे. जिसके चलते एक महीने तक अयोध्या में रात नहीं हुई थी. अर्थात यह कह सकते हैं कि अयोध्या का एक दिन एक महीने के बराबर हो गया था. इसलिए भगवान राम के जन्मदिन के दिन सूर्यतिलक का विशेष महत्व है. बाकी के दिन अगर सूरत तिलक ना भी हो तो उसका इतना महत्व नहीं है.
वहीं अगर रोजाना तिलक न हो पाने के दूसरे कारण की बात की जाए तो यह है कि सूर्य तिलक करने के लिए बेहद खास तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है और उसमें बेहद समय लगता है रोजाना इस प्रक्रिया को दोहरा पाना मंदिर के प्रशासन के लिए काफी मुश्किल काम हो सकता है.
मध्य प्रदेश के मंदिर में रोज होता है सूर्य तिलक
ऐसा नहीं है कि भगवान राम का रोजाना सूर्य तिलक कहीं नहीं हो सकता. भारत में एक ऐसी जगह है जहां रोजाना राम भगवान का सूर्यतिलक होता है. मध्य प्रदेश के विदिशा जिले के पेढ़ी चौराहा क्षेत्र में दोपहर के वक्त हर रोज भगवान राम का सूर्य तिलक किया जाता है. और यहां परंपरा पिछले 280 सालों से चली आ रही है.
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