एक के साथ एक फ्री! भारत के इस गांव में हर घर में हैं एक चेहरे के दो इंसान
ये गांव भारत के केरल राज्य में है. इस गांव का नाम है कोडिन्ही. इस गांव को लोग ट्विन टाउन के नाम से भी जानते हैं. यहां कई सालों से जुड़वा बच्चे पैदा हो रहे हैं.
भारत में ऐसी कई चीजें हैं जिनके बारे में सुनकर यकीन करना आसान नहीं होता. ऐसी ही एक जगह केरल में है. इस राज्य में एक गांव है जहां एक चेहरे के दो लोग हर दूसरे घर में मिल जाएंगे. सबसे बड़ी बात है कि ऐसा आज से नहीं बल्कि कई सालों से होता आ रहा है. यानी यहां भारत में किसी भी अन्य जगह के मुकाबले ज्यादा जुड़वे बच्चे पैदा होते हैं. चलिए आपको आज इस गांव की कहानी बताते हैं, इसके अलावा ये भी बताते हैं कि आखिर इसी गांव में ऐसा क्यों होता है.
कहां है ये गांव
ये गांव भारत के केरल राज्य में है. इस गांव का नाम है कोडिन्ही. इस गांव को लोग ट्विन टाउन के नाम से भी जानते हैं. यहां कई सालों से जुड़वा बच्चे पैदा हो रहे हैं. यही वजह है कि जब आप यहां जाएंगे तो बच्चे और बूढ़े दोनों जुड़वा मिल जाएंगे. अगर आप पहली बार यहां जाएंगे तो एक चेहरे के दो लोगों को देख कर हैरान रह जाएंगे. सबसे बड़ी बात कि सिर्फ चेहरा ही नहीं कई लोगों के शरीर की बनावट भी एक जैसी है. तेलंगाना टुडे की एक रिपोर्ट बताती है कि इस गांव में एक दो नहीं बल्कि 400 से ज्यादा जुड़वा बच्चे हैं.
कब से हो रहे हैं यहां जुड़वा बच्चे
गांव वालों की मानें तो जुड़वा बच्चों का पहला केस इस गांव में साल 1940 में आया था. हालांकि, 1990 के बाद इस गांव में जुड़वा बच्चों की संख्या में लगातार वृद्धि देखी गई. वैज्ञानिक आज भी इसके पीछे के रहस्य को सुलझाने में जुटे हुए हैं. इसके लिए कई बच्चों के DNA का भी अध्ययन किया गया. लेकिन फिर भी कुछ सामने नहीं आया. हालांकि, कुछ लोग मानते हैं कि ऐसा इसलिए है क्योंकि यहां का स्थानीय आहार ही ऐसा है कि इससे जुड़वा बच्चों के गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है. हालांकि, वैज्ञानिक इस बात से पूरी तरह इत्तेफाक नहीं रखते.
इसे लेकर वार्षिक उत्सव मनाते हैं गांव वाले
अगर आप इसे एक समस्या की तरह देख रहे हैं तो आप गलत हैं. दरअसल, यहां के लोकल लोग इसे एक आशीर्वाद के तौर पर देखते हैं. उनका मानना है कि यह ईश्वर की ओर से उनके लिए तोहफा है. यहां के लोग जुड़वा बच्चों के जन्म से इतने खुश हैं कि वो हर साल इसे लेकर एक वार्षिक उत्सव भी मनाते हैं. सबसे बड़ी बात की इस उत्सव में भाग लेने दुनियाभर से लोग केरल के इस गांव में आते हैं.
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