कोरियन लड़कियों को लेकर कई तरह की कहानियां कही जाती हैं और इसके साथ ही भारत में लोग उनकी स्किन को काफी ज्यादा पसंद करते हैं. उनकी स्किन को लेकर कई तरह के फैक्ट सोशल मीडिया पर शेयर किए जाते हैं. ऐसा ही एक फैक्ट ये भी है कि कोरियन लड़कियां हर रोज खुद अपने ही गाल पर थप्पड़ मारती हैं. ऐसे में सवाल है कि आखिर लड़कियां ऐसा क्यों करती हैं और ऐसा करने के पीछे क्या लॉजिक हो सकती है. तो आज जानते हैं कि इस बात में कितनी सच्चाई है और थप्पड़ मारने की वजह क्या है...
क्या सही में ऐसा होता है?
ये कई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि कोरियन लड़कियां हर रोज अपने गाल पर थप्पड़ मारती हैं. वैसे आपको बता दें कि अगर कोरियन लड़कियां ऐसा करती हैं तो ऐसा करने के पीछे खुद को पनिशमेंट देना वजह नहीं है. ना ही ये लड़कियां गुस्से में ऐसा करती है. दरअसल, अपनी ब्यूटी को और निखारने के लिए लड़कियां ऐसा करती हैं.
क्यों किया जाता है ऐसा?
सिर्फ कोरिया में ही नहीं, भारत समेत कई देशों में लड़कियां ये प्रेक्टिस करती हैं और खुद को थप्पड़ मारती हैं. दरअसल, ये स्किन को अच्छा बनाने के लिए किया जाता है और लड़कियां अपनी स्किन को ज्यादा खुबसूरत बनाने के लिए ऐसा करती हैं. स्किन पर थप्पड़ मारने से स्किन काफी अच्छी होती है और स्लैप थैरेपी की वजह से लड़कियां ऐसा करती हैं.
क्या होती है स्लैप थैरेपी?
दरअसल, इस थैरेपी में चेहरे पर थप्पड़ मारे जाते हैं, इसका मतलब ये नहीं है कि काफी तेज थप्पड़ मारे जाते हैं. ये कोरिया का सबसे मशहूर तरीका माना जाता है और ये वहां की फेमस ब्यूटी ट्रिक है. दरअसल, हल्के हल्के थप्पड़ मारने से बल्ड सर्कुलेशन ठीक होता है और इस वजह से इसे एंटी-एंजिंग तरीका माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि यह स्किन को मुलायम बनाता है और झुर्रियों को कम करता है. हालांकि, इस तकनीक से स्किन सर्कुलेशन अच्छा होता है. इसके अलावा इस टेक्नीक को अच्छे से करना जरूरी है.
इसके अलावा फाइन लाइंस से छुटकारा पाने के लिए चेहरे को थप्पड़ मारना पिंच और स्ट्रोक करना शामिल है. अमेरिकन लोगों का मानना है कि थप्पड़ मारने से त्वचा के खुले छिद्रों को सिकुड़ने में मदद मिलती है. यह त्वचा को चिकना बनाता है, झुर्रियों को कम करता है.
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