लक्षद्वीप जाने वाले बंगाराम जरूर जाते हैं, जिसे कहते हैं 'आंसू की बूंद' वाला बीच! जानिए यहां क्या है ?
सोशल मीडिया पर लक्षद्वीप की फोटोज लगातार ट्रेंड कर रही हैं. अगर आप लक्षद्वीप जाने का प्लान बना रहे हैं, तो आपको बंगाराम बीच जरूर जाना चाहिए. आइए आज हम बताएंगे कि ये बीच क्यों है इतना खास.
लक्षद्वीप की फोटो लगातार सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा हैं. दरअसल पीएम नरेंद्र मोदी ने हाल में लक्षद्वीप की यात्रा की थी, जिसके बाद से ही लक्षद्वीप की खूबसूरती को देखते हुए सोशल मीडिया पर लगातार लक्षद्वीप की फोटोज को शेयर कर रहे हैं. लेकिन आज हम आपको लक्षद्वीप के बंगाराम जिसे “आंसू की बूंद” वाला बीच भी कहते हैं, उसके बारे में बताने वाले हैं.
“आंसू की बूंद” वाला बीच
लक्षद्वीप के 36 द्वीपों में से एक बंगाराम द्वीप है. आंसू की बूंद के आकार वाला शानदार बंगाराम आइलैंड शायद अब तक की सबसे अच्छी अनएक्सप्लोर्ड जगह है. यहां पर चांदी जैसे दिखने वाली रेत और हरे-भरे नारियल व ताड़ के पेड़ों के साथ कोरल्स से भरा ये आइलैंड आपको मंत्रमुग्ध कर देगा. एडवेंचर स्पोर्ट्स को पसंद करने वालों के लिए ये एकदम सही जगह है, जिसमें स्कूबा डाइविंग, गहरे समंदर में मछली पकड़ना, स्नॉर्कलिंग, कयाकिंग, विंडसर्फिंग और भी बहुत कुछ शामिल है. बता दें कि यह वही द्वीप है, जहां पर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने 1987 में 10 दिन छुट्टियां बिताई थी.
कब और कैसे जाएं बंगाराम?
अब अगर आप भी सोशल मीडिया पर लक्षद्वीप दौरे की तस्वीरें देखकर जोश में हैं और लक्षद्वीप में बंगाराम आइलैंड पर जाना चाहते हैं. तो हम आपको बताएंगे कि आप कब वहां जा सकते हैं. बता दें कि सर्दियों और मानसून के मौसम में यहां की प्राकृतिक खूबसूरती आपका मन मोह लेगी. वहीं गर्मियों में यहां जाना चाहते हैं तो मार्च से मई के बीच सही समय है. क्योंकि उस वक्त यहां हल्की गर्मी होती है. यहां से सबसे नजदीकी एयरपोर्ट अगत्ती है, कोच्चि से लक्षद्वीप के कई द्वीपों के लिए फेरी सेवा भी उपलब्ध होती है, जिसके लिए आपको 2 हजार से 8 हजार रुपये तक खर्च करने पड़ सकते हैं.
कोचीन से 465 किमी दूर
बंगाराम द्वीप देश की राजधानी दिल्ली से करीब 2 हजार किमी दूर है, जबकि कोचीन से इसकी दूरी 465 किमी है. इस द्वीप का कुल क्षेत्रफल करीब 0.623 स्क्वायर किलोमीटर है.बता दें कि यहां साल 1974 में टूरिज्म की शुरुआत हुई थी. उस समय यहां पर आइलैंड बीच रिजॉर्ट की शुरुआत हुई थी. यहां मौजूद रिजॉर्ट में दर्जनों कॉटेज हैं, उस समय यहां पहुंचना बड़ा ही मुश्किल कार्य था. लेकिन जब कोच्चि से अगत्ती तक विमान सेवा शुरू हुई, तो बंगाराम में पर्यटकों की संख्या भी बढ़ने लगी. यह द्वीप वाकई में बहुत ही खूबसूरत है. सबसे जरूरी बात ये है कि बंगाराम जाने से पहले परमिट लेना होता है, जो कोच्चि में ट्रैवेल एजेंट से मिल जाएगा.
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