चिड़िया के घोंसेले को तोड़ा तो सात साल की सजा... जानवरों के लिए बने इन कानूनों के बारे में जानते हैं आप?
प्रिवेंशन ऑफ क्रूएलिटी ऑन एनिमल्स एक्ट (PCA) 1960 के मुताबिक, अगर आप किसी पशु को आवारा छोड़ते हैं तो आपको तीन महीने की सजा हो सकती है.
भारत के संविधान ने जिस तरह से इंसानों को अधिकार दिए हैं उसी तरह से जानवरों को भी कुछ अधिकार दिए गए हैं. अगर कोई इन अधिकार को छीनने की कोशिश करता है या उनके साथ छेड़छाड़ करता है तो भारतीय दंड संहिता के तहत उसे सजा दी जाती है. आज हम आपको जानवरों को मिलने वाले ऐसे ही कुछ कानूनी अधिकारों के बारे में बताएंगे. इसके साथ यह भी बताएंगे कि अगर इन कानूनों को किसी ने तोड़ा तो उसे भारतीय दंड संहिता के अनुसार क्या सजा मिलेगी.
भोजन का अधिकार
अगर आप किसी जानवर को पर्याप्त भोजन नहीं देते हैं और उसे पानी देने से इंकार करते हैं और उस जानवर को शरण देने से इनकार करते हैं तो आपको सजा हो सकती है. यहां तक की लंबे समय तक किसी जानवर को बांधे रखना भी दंडनीय अपराध है. इसके लिए आपको जुर्माना या तीन महीने की सजा या फिर दोनों हो सकती है.
हत्या से बचने का अधिकार
आईपीसी की धारा 428 और 429 के अनुसार अगर किसी व्यक्ति ने किसी पशु को जान से मारा या फिर उसकी मार से पशु अपंग हुआ तो यह कानून जुर्म माना जाएगा. इसके लिए भारतीय दंड संहिता में सजा तय की गई है.
पशु को आवारा नहीं छोड़ सकते
प्रिवेंशन ऑफ क्रूएलिटी ऑन एनिमल्स एक्ट (PCA) 1960 के मुताबिक, अगर आप किसी पशु को आवारा छोड़ते हैं तो आपको तीन महीने की सजा हो सकती है.
घोंसला नहीं तोड़ सकते
अगर आप का कोई घर तोड़ता है तो आप तुरंत कोर्ट-कचहरी पहुंच जाते हैं. इसी तरह पंछियों के लिए भी कानून है, अगर कोई उनके अंडों को नष्ट करता है उनके घोंसले को तोड़ता है और उनसे छेड़छाड़ करता है या फिर ऐसे पेड़ को काटता है जहां पंक्षियों के घोंसले हैं तो यह कानून जुर्म माना जाएगा. इसके दोषी को सात साल की सजा या 25 हजार रुपये का जुर्माना या दोनों हो सकता है.
पशुओं को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने का नियम
अगर आप पशुओं को ठीक से एक जगह से दूसरी जगह नहीं ले जाते या फिर उन्हें असुविधा में रखकर, दर्द पहुंचाकर या परेशान करते हुए किसी भी गाड़ी में एक जगह से दूसरी जगह ले जाते हैं तो यह मोटर व्हीकल एक्ट और पीसीए एक्ट के तहत दंडनीय अपराध है.
जंगली जानवरों को कैद नहीं कर सकते कानून
इस देश में हर पालतू, आवारा और जंगली जानवरों के लिए कानून है. अगर आप किसी भी जंगली जानवर को पकड़ते हैं, फंसाते हैं, जहर देते हैं या फिर लालच देते हैं तो यह दंडनीय अपराध है. ऐसा करने वाले दोषी को सात साल की तक की सजा या फिर 25 हजार रुपये का जुर्माना या दोनों देना पड़ सकता है.
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