भारत की आबादी 142 करोड़ है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कई यूरोपीय और पश्चिमी देश घटती आबादी की समस्या से जूझ रहे हैं. घटती आबादी की समस्या से ज्यादातर यूरोपीय देश परेशान हैं. इन देशों में सरकार भी आबादी बढ़ाने के लिए भरसक प्रयास कर रही है, लेकिन फिर भी यहां की आबादी घटती ही जा रही है. ऐसे में चलिए इसके पीछे के कारणों और वो कौन-कौनसे देश हैं ये जानते हैं.
घटती जनसंख्या से ये देश परेशान
वेटिकल सिटी- दुनिया के कुछ देश ऐसे हैं जहां घटती जनसंख्या एक बड़ी परेशानी बन गया है. वहीं दुनिया की सबसे कम जनसंख्या वाले देश की बात करें तो वो वेटिकल सिटी है. इस देश की जनसंख्या से ज्यादा तो आपकी सोसायटी में लोग रहते होंगे. दरअसल वेटिकल सिटी की जनसंख्या महज 900 है. हालांकि क्षेत्रफल की दृष्टि से भी ये काफी छोटा देश है.
नौरू- नौरु प्रशांत महासागर में स्थित एक द्वीप देश है. जिसका क्षेत्रफल 21 वर्ग किलोमीटर है. 2016 की जनसंख्या गणना के मुताबिक, इस देश की कुल आबादी लगभग 12 हजार है. बता दें नौरू को दुनिया का सबसे छोटा देश माना जाता है.
तुवालु- इस देश में भी सबसे कम लोग रहते हैं. यह एक आइलैंड है, जो पोलिनेशिया में सेंट्रल पैसिफिक है. यदि पूरे देश की जनसंख्या को देखें तो यहां महज 11 हजार लोग रहते हैं और इस देश का क्षेत्रफल 26 स्कवायर किलोमीटर है.
सैन मारीनो- इसे यूरोप का सबसे पुराना देश माना जाता है. यहां इटालियन भाषा बोली जाती है. 61 वर्ग किलोमीटर में फैले इस देश की जनसंख्या लगभग 33,203 है.
मोनैको- इस देश की जनसंख्या करीब 37 हजार है. बता दें ये देश फ्रांस और इटली के बीच समुद्र किनारे बसा हुआ है. जिसे क्षेत्रफल की दृष्टि से दूसरा बड़ा देश माना जाता है.
पलाउ- ये द्वीपों का एक समूह है. कहा जाता है कि इस द्वीप समूह में 340 आईलैंड है. वहीं यहां कि जनसंख्या लगभग 21 हजार ही है. पर्यटन की दृष्टि से भी ये देश काफी पॉपुलर है.
जनसंख्या का घटना खतरनाक क्यों है?
घटती आबादी वाले देशों में युवा उद्यमियों और कामगारों के कम होने असर उस देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ना तय होता है. घटती आबादी वाले देशों में महंगाई भी तेजी से बढ़ती है. इसके अलावा घटती आबादी वाले देशों में सुविधाएं भी कम होने लगती हैं.
यह भी पढ़ें: 2011 में आखिरी बार हुई थी भारत की जनगणना, अब बिना गिने कैसे बताया जा रहा 142 करोड़ का आंकड़ा?