नौकरी छोड़कर चुना मूर्ति बनाने का पुश्तैनी कारोबार, जानें कितने पढ़े-लिखे हैं अरुण योगीराज?
अयोध्या के राममंदिर गर्भ गृह में मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई रामलला की मूर्ति रखी जाएगी.लेकिन क्या आप जानते हैं कि रामलला की मूर्ति बनाने वाले अरुण योगीराज कौन हैं और वो कितने पढ़े-लिखे हैं.
अयोध्या के राम मंदिर के गर्भ गृह में कर्नाटक के मशहूर मूर्तिकार अरुण योगीराज की बनाई रामलला की मूर्ति रखी जाएगी. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने आज यानी 15 जनवरी को इसकी पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि कृष्णशिला पर बनाई गई मूर्ति का वजन 150 से 200 किलोग्राम है. आज हम आपको सबसे चर्चित मूर्तिकार अरुण योगीराज की शिक्षा और कैरियर के बारे में बताएंगे.
कौन हैं अरुण योगीराज ?
अरुण योगीराज वर्तमान में देश में सबसे अधिक चर्चित मूर्तिकारों में से एक हैं. बता दें कि वो काफी कम उम्र से मूर्ति बना रहे हैं. इतना ही नहीं अब तक वे काफी बड़ी-बड़ी हस्तियों की मूर्तियां बना चुके हैं. उनकी ही बनाई गई नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति दिल्ली में स्थापित की गई थी. योगीराज अरुण अपने परिवार की पांचवीं पीढ़ी में मूर्ति बनाने का काम कर रहे हैं. उन्होंने अपने पिता, दादा, से प्रभावित होकर मूर्ति कला के इस क्षेत्र में कदम रखा था. योगीराज अरुण के पूर्वज मैसरू में राजा के समय से मूर्ति कला का काम कर रहे हैं.
पूरे देश के लोगों को गर्व
अरुण योगीराज के परिवार के साथ ही आज पूरे देश को उनके ऊपर गर्व है. एबीपी न्यूज से बातचीत में उनकी पत्नी विजेता योगीराज ने बताया कि वो सभी लोग बहुत खुश हैं और उन्हें लगातार बधाइयां मिल रही हैं. अरुण के एमबीए और नौकरी करने के सवाल पर विजेता जी ने बताया कि उनके परिवार में पांच पीढ़ियों से मूर्ति बनाया जाता है. लेकिन बीच में योगीराज एमबीए करके नौकरी करने चले गए थे, लेकिन वहां पर उनका मन नहीं लगा, जिसके बाद वो वापस मूर्तिकला की ओर आ गए. उन्होंने आगे कहा कि हम सभी लोग उन्हें मूर्ति बनाते हुए ही देखना चाहते हैं.
अयोध्या में रहकर बनाई मूर्ति
विजेता ने बताया कि उनके पति अरुण ने अयोध्या में रहकर रामलला की मूर्ति पर लगातार लगभग 6 महीने तक काम किया है. इसके अलावा रामलला के बालस्वरूप को दर्शाने के लिए उन्होंने लगभग 2000 बच्चों की तस्वीरें देखी हैं.
नेशनल खिलाड़ी
अरुण की पत्नी ने बताया कि अरुण योगीराज बॉलीबाल नेशनल टीम के प्लेयर और कैप्टन रह चुके हैं. वो आज भी फिट रहने के लिए हर दिन सुबह दौड़ने जाते हैं. सुबह दौड़कर आने के बाद वो फिर काम की शुरूआत करते हैं. उनकी पत्नी ने बताया कि वो लगातार 10 घंटों तक काम करते हैं.
एमबीए और फिर नौकरी
ये सच है कि योगीराज अरुण मूर्तियों में जान डाल देते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि मूर्ति बनाने से पहले वह थोड़े समय के लिए एमबीए करने के बाद कॉरपोरेट क्षेत्र में नौकरी भी कर चुके हैं. लेकिन नौकरी में मन नहीं लगने के कारण वो वापस मूर्तिकला के क्षेत्र में लौट आए. आज देश में मूर्ति बनाने के लिए सबसे ज्यादा डिमांड मूर्तिकार योगीराज की है. योगीराज अरुण देश के सबसे ज्यादा प्रसिद्ध मूर्तिकारों में से एक हैं.
अरुण का पोर्टफोलियो
अरूण योगीराज ऐसे ही नहीं आज देश में सबसे प्रसिद्ध मूर्तिकार हैं. उनका पोर्टफोलियो देखने के बाद आपको पता चलेगा कि उन्होंने देश में कई बड़ी हस्तियों और देवी-देवताओं की मूर्ति बनाई है. इनमें सुभाष चंद्र बोस की 30 फीट की मूर्ति भी शामिल है, जो इंडिया गेट के पास अमर जवान ज्योति के पीछे प्रमुखता से लगी है. इसके अलावा केदारनाथ में आदि शंकराचार्य की 12 फीट ऊंची मूर्ति से लेकर मैसूर में 21 फीट ऊंची हनुमान प्रतिमा को भी अरूण योगीराज ने ही बनाया है. अब राममंदिर के गर्भगृह में लगने वाले राम जी प्रतिमा भी इस प्रभावशाली मूर्तियों की श्रृंखला में शामिल हो गई है.