नींबू मिर्ची का नाम अक्सर एक साथ लिया जाता है. आपने कई जगहों पर इन्हें एक साथ लटका हुआ भी देखा होगा लेकिन दोनों के स्वाद में बहुत अंतर है. 


क्या आपने कभी जानने की कोशिश की है कि नींबू इतना खट्टा क्यों होता है और मिर्च इतनी तीखी? क्या है इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण लिए जानते हैं...


क्या है नींबू के स्वाद और असर के पीछे का विज्ञान


नींबू में एक साइट्रिक एसिड (अम्ल) होता है लेकिन नींबू पेट में क्षार (एल्कलाईन)  पैदा करता है, यह व्यक्ति के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है. नींबू का प्रभाव क्षारीय होता है. जो खून में एसिड बनने से रोकता है. 


1 दिन में कितने गिलास नींबू-पानी पीना चाहिए


सुबह उठने के बाद 1 गिलास गुनगुना नींबू पानी पीना ज्यादा फायदेमंद रहता है. दिन भर में एक या दो गिलास से ज्यादा नींबू पानी पीना हेल्थ के लिए नुकसानदायक हो सकता है. अगर नींबू पानी पीने से एलर्जी, एसिडिटी या और कोई प्रॉब्लम हो तो डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें.


मिर्च इतनी तीखी क्यों होती है


मिर्च में कैप्साइसिन नामक कंपाउंड होता है, जो इसके तीखेपन का असली कारण है. यह मिर्च के बीच वाले हिस्से में होता है. इससे मिर्च  प्राकृतिक तौर पर गर्म और तीखी होती है. मिर्च खाने के बाद कैपसाइजिंग खून में पी नाम का सब्सटेंस भी डालता है, जिसे हमारा दिमाग कैप्चर करता है और हमें गम और तीखा अनुभव होता है.


डॉक्टरों की सलाह है, यह मरीज न खाएं मिर्च 


जिन लोगों को पाइल्स यानी बवासीर की बीमारी है विकास तौर पर मिर्च का सेवन बिल्कुल न करें. इनके अलावा अगर किसी को कभी अस्थमा का अटैक पड़ा है तो वे भी इससे दूरी बनाएं. साथ ही अल्सर के मरीज भी मिर्च से दूरी बनाएं.