Licking Diamond Is Poisonous Myth: हीरे की गिनती धरती पर मिलने वाली सबसे महंगी चीजों में की जाती है. आमतौर तौर पर हीरे का इस्तेमाल गहने बनाने और कांच काटने जैसे दूसरे कामों में किया जाता है. हीरा धरती पर मौजूद सबसे कठोर पदार्थ होता है. यह कार्बन के ही एक सॉलिड फॉर्म है. हीरा कार्बन का सबसे शुद्धतम रूप होता है. आसानी से इस ट्रांसपैरेंट रत्न के आर-पार देखा जा सकता है. हीरे की शुद्धता की माप कैरेट में होती है. हीरे से जुड़ी कुछ बातें शायद आपने भी जरूर सुनी होंगी. ऐसा कहा जाता है कि अगर कोई व्यक्ति हीरे को चाट लेता है तो इससे उसकी मौत हो जाती है. क्या सच में ऐसा होता है या फिर यह सिर्फ एक मिथक है? आइए जानते हैं कि यह बात कितनी सच है.


हीरे को लेकर बताया जाने वाला मिथक
कई लोगों का आज भी यह मानना है कि हीरे को चाटने से इंसानों की मौत हो जाती है. गौरतलब है कि हीरा कोई जहरीला पदार्थ नहीं होता है, इसलिए इसे चाटने से किसी की मौत नहीं हो सकती है. हालांकि इस बात की पूरी संभावना है कि अगर कोई हीरा निगल लेता है तो इससे उसकी खतरा जरूर हो सकता है, लेकिन इस स्थिति में भी यह आपके लिए जानलेवा बने इसकी उम्मीद बहुत ही कम होती है. हीरे को दांत से चबाकर खाना एकदम असंभव है. हालांकि, इसे किसी ताकतवर और अत्यधिक कठोर चीज से तोड़ने के बाद कुचला जा सकता है. कुचलने के बाद यह कांच के बुरादे जैसा दिखता है.


हीरा क्यों होता है इतना कठोर?
असल में हीरे की कठोरता का कारण है उसकी रासायनिक संरचना है. कार्बन से बने हीरे की रासायनिक संरचना में कार्बन के परमाणु आपस में एक-दूसरे के साथ बहुत मजबूती से जुड़े होते हैं. इसमें कार्बन का एक परमाणु अन्य चार कार्बन परमाणुओं से कठोरता के साथ जुड़ा होता है और समचतुष्फलक ज्यामिति संरचना का निर्माण करता है. हीरे का नाप-तौल कैरेट में किया जाता है. इसका 1 कैरेट लगभग 200 मिलीग्राम के बराबर होता है. हीरा रासायनिक रूप से कार्बन का शुद्ध रूप है. इसमें मिलावट नहीं होती. अगर आप ओवन में हीरे को 763 डिग्री सेल्सियस पर गरम करेंगे तो यह जलकर कार्बन डाइ-आक्साइड बना लेता है. इसके पूरे जलने के बाद बिलकुल भी राख नहीं बचेगी.


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