Lightning: बारिश के मौसम में आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं होती हैं. भारत में हर साल बड़े पैमाने पर आकाशीय बिजली गिरने से कई लोगों की जान जाती है. भारत के उत्तरी इलाके इसके हाटस्पाट माने जाते हैं. वहीं दुनियाभर की बात करें तो कई ऐसे इलाके हैं जहां हर साल आकाशीय बिजली गिरने का खतरा सबसे ज्यादा होता है. चलिए आज हम उन इलाकों के बारे में जानते हैं.


इन इलाकों में सबसे ज्यादा कहर ढाती है आकाशीय बिजली


आकाशीय बिजली संबंधी एक्टिविटी पृथ्वी पर उन इलाकों में ज्यादा होती है जो इक्वेटर के आसपास स्थित होते हैं.


ऐसे में दुनियाभर में बिजली गिरने की सबसे ज्यादा घटनाएं दक्षिण अमेरिका के वेनेज़ुएला में स्थित लेक मैराकाइबो में होती हैं. इस हॉटस्पाट पर बिजली चमकने की दर का घनत्व 232.52 रहता है. इस दर के घनत्व का साफ मतलब ये है कि इस इलाके में हर साल हर वर्ग किलोमीटर के दायरे में 232.52 बार बिजली गड़गड़ाती है. इसके अलावा भी दुनिया की कई ऐसी जगहे हैं जहां बिजली कड़कड़ाने की घटनाएं सबसे ज्यादा होती हैं.


दुनिया में इन इलाकों में बना रहता है बिजली गिरने का डर


इसके अलावा भी दुनिया के ऐसे कई इलाके हैं जहां बिजली गिरने का डर बना रहता है. मध्य अफ्रीका के क्षेत्र कांगो में भी बिजली एक्टिविटी की फ्रिक्वेंसी सबसे ज्यादा है. कांगो डेमोक्रेटिक रिपब्लिक में कई इलाके ऐसी घटनाओं के लिए संवेदनशील हैं. इसके अलावा दक्षिण अमेरिका, हिमालयी क्षेत्र, सेंट्रल फ्लोरिडा, अर्जेंटीना और कोलंबिया, इंडोनेशिया व मलेशिया में भी आकाशीय बिजली की सबसे ज्यादा एक्टिविटी दर्ज की जाती है.


क्यों चमकती है आकाशीय बिजली?


बता दें वैज्ञानिक बेंजामिन फ्रेंकलिन ने पहली बार 1872 में बिजली चमकने की सही वजह बतायी थी. उन्होंने बताया था कि आसमान में बादलों में पानी के छोटे-छोटे कण होते हैं, जो वायु की रगड़ के कारण आवेशित हो जाते हैं. कुछ बादलों पर पॉजिटिव चार्ज आ जाता है और कुछ पर निगेटिव चार्ज आता है. जब दोनों तरह के चार्ज वाले बादल एक-दूसरे से रगड़ खाते हैं तो उनके मिलने से लाखों वोल्ट की बिजली पैदा होती है. कभी-कभी ये बिजली इतनी ज्यादा होती है कि पृथ्वी तक पहुंच जाती है. इसे ही बिजली का गिरना कहा जाता है.                                               


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